मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन की सब इंजीनियर हेमा मीना की आज सेवा समाप्ति के आदेश जारी हो गए। हेमा के खिलाफ गुरुवार को लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने कार्रवाई की थी जिसमें उसके यहां प्रारंभिक तौर पर करीब सात करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित करना पाया गया जो पूरे सेवाकाल में उसे मिले वेतन से करीब ढाई सौ गुना ज्यादा संपत्ति पाई गई।
मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन की सब इंजीनियर हेमा मीना के पास असिस्टेंट इंजीनियर का प्रभार था और उसकी कारपोरेशन में करीब 13 साल की नौकरी हुई थी। हेमा की नियुक्ति संविदा कर्मचारी के तौर पर थी और उसका वेतन अभी 30 हजार रुपए था। बताया जाता है कि हेमा मीना के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की करीब ढाई साल से शिकायत चल रही थी। लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना के पास भी यह शिकायत थी।
शिकायत के बाद भी असिस्टेंट इंजीनियर का प्रभार
कारपोरेशन में शिकायत के बाद भी कांट्रेक्ट सब इंजीनियर हेमा मीना को असिस्टेंट इंजीनियर का प्रभार दिया गया था। बताया जाता है कि पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन कैलाश मकवाना जब लोकायुक्त डीजी थे तब हेमा की शिकायत पर जांच शुरू हुई थी क्योंकि कारपोरेशन में भी उनके पास हेमा मीना की इसी तरह की शिकायत थी। इसके बाद उनका तबादला राज्य शासन ने लोकायुक्त पुलिस से पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में चेयरमैन के रूप में कर दिया। जब वे पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन से डीजी लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना बनाए गए थे तब से वापस लौटने के बीच हेमा मीना की गतिविधियों बढ़ गईं। इस बीच लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना की जांच में आए तथ्यों के आधार पर हेमा मीना के ठिकानों पर छापे मारे गए तो आय से अधिक के कई प्रमाण मिले। शुक्रवार को पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन मकवाना ने एमडी उपेंद्र जैन को हेमा की सेवा समाप्ति के आदेश जारी करने के निर्देश दिए और दोपहर बाद उसकी संविदा नियुक्ति समाप्त कर दी गई।
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