“हुनर हाट” का भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला – 2016 में आयोजन किया जाएगा

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज ‘हुनर हाट’ के लोगो का लोकार्पण किया और इस अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस प्रदर्शनी का अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजना “उस्ताद” (परंपरागत कला / शिल्प के विकास कौशल का उन्नयन और प्रशिक्षण) के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा प्रगति मैदान के हॉल संख्या 14 में किया जा रहा है। इस लोगो का उपयोग भविष्य में भी प्रदर्शनियों की ब्रांडिंग के लिए किया जाएगा।

मीडिया को जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट’ में 26 राज्यों के 184 से अधिक दक्ष हुनरबाज अपनी परंपरागत कला और कौशल का प्रदर्शन करेंगे। “हुनर हाट” 14 से 27 नवंबर तक लगने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला – 2016 में आयोजित की जा रही है। सभी दस्तकारों और कारीगरों को नि:शुल्क स्टाल प्रदान करने के अलावा मंत्रालय उनके परिवहन की व्यवस्था करेगा और दैनिक खर्चा प्रदान करेगा ताकि वे दिल्ली पहुंच सकें और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपनी कला / कौशल को प्रदर्शित कर सकें।

श्री नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” (कौशल हाट) प्रदर्शनी का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों को बढ़ावा देना और उनकी मदद करना है ताकि वे घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकें और उन्हें बेच सकें। “हुनर हाट” में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आने वाले कारीगर एकत्र होंगे।

श्री नकवी ने कहा कि इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्तर राज्यों में बांस से बनी कलाकृतियों में, उत्तर प्रदेश के दस्तकारों का कपड़ा और कढ़ाई कार्य, पीतल की कलाकृतियां, जारदोजी कपड़े का काम, दक्षिणी राज्यों के मिट्टी के बर्तनों के काम का संग्रह, बिहार-झारखंड से चंदन और अन्य लकड़ी की कलाकृतियां, बंगाल – ओडिशा से घरेलू उपयोग की वस्तुएं और एलोवेरा, नीम, तुलसी आदि से बने हर्बल उत्पाद शामिल हैं।

“हुनर हाट” में राजस्थान की संगमरमर की वस्तुएं, गुजरात की सुंदर हस्तशिल्प, कश्मीर के पशमीना और कांस्य के काम का प्रदर्शन किया जाएगा। कारीगर व्यापार मेले में अपने कौशल का जीवंत प्रदर्शन करेंगे। उस्ताद योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की परंपरागत कला और विरासत का संरक्षण करना और उसे बढ़ावा देना है। वैश्विकरण और प्रतिस्पर्धी बाजार के कारण इन दस्तकारों के रोजगार धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। युवा पीढ़ी को आजीविका के लिए अलग-अलग रास्ते खोजने पर मजबूर होना पड़ रहा है। भारतीय व्यापार मेला एक राष्ट्रीय और अतंर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी है जिसमें एक छत और एक प्लेटफार्म पर अल्पसंख्यक समुदाय के शिल्पकारों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने और उन्हें बेचने का एक बड़ा अवसर उपलब्ध होने की उम्मीद है।

इस “हुनर हाट” में दिल्ली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, लेह-लद्दाख, नागालैंड केरल के कारीगर भाग ले रहे हैं।

“हुनर हाट” में मंत्रालय, एनएमडीएफसी और घटक संगठनों की योजनाओं और कार्यक्रमों का दृश्य-श्रव्य चित्रण प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष मंडप की स्थापना की गई है। इससे मंत्रालय की योजनाओं और कार्यक्रम के बारे में जागरुकता पैदा करने के बारे में मदद मिलेगी ताकि लोग इन योजनाओं के तहत सहायता प्राप्त कर सकें।

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