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हाईवे पर गौवंश दुर्घटना के बनते कारण, पशुपालकों पर कौन करेगा कार्रवाई

गौवंश को लेकर राजनीति करने वाले लोगों को हाईवे पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि जिन गौवंश की तस्करी, हत्या और ज्यादती की बातें वे करते हैं, उन्हें किस तरह पशुपालक लावारिस छोड़ देते हैं। ये गौवंश सूखी सड़क पर बैठ जाते हैं जिनसे दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है और कई बार तो अंधेरे में ये जब तक वाहन चालकों की नजर में आते हैं तब तक गाड़ी का संतुलन बिगड़ चुका होता है। ऐसे में गौवंश मारे जाते हैं और मानव हानि अलग होती है।
भोपाल-ओबेदुल्लागंज-बाड़ी-बरेली-जबलपुर हाईवे पर शुक्रवार को जाने का मौका बना तो गौवंशों की दुर्दशा दिखाई दी। पशुपालक इन दुधारू गौवंश से दूध निकालने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं। बारिश की वजह से वे चरनोई जगह पर जाने की जगह सड़क पर सूखा स्थान देखकर वहीं बैठ जाते हैं। यह जानवर दिन में तो वाहन चालकों की नजर आ जाता है लेकिन रात को यह नजर में नहीं आते हैं। ऐसे में वाहन चालकों के लिए हाईवे पर वाहन को चलाने में बेहद चुनौती भर काम होता है।
झुंड में बैठे गौवंश
गौवंश इक्का-दुक्का संख्या में तो जहां-तहां बैठे होते हैं तो वाहन चालक को विशेष परेशानी नहीं होती लेकिन रात को ये झुंड में बैठे होते हैं तब गाड़ी को नियंत्रित करके उन्हें बचाने में वाहन चालक कई बार झल्ला जाते हैं। झुंड में बैठे गौवंश कई जगह तो फोरलेन की पूरी सड़क पर बैठे होते हैं और फिर गाड़ी निकालने के लिए वाहन चालक सड़क के नीचे गाड़ी उतारकर आगे निकलता है।
जिम्मेदारों का मौन
गौवंश हाईवे पर जिस तरह परेशानी बन रहे हैं, इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिम्मेदार भी मौन बने रहते हैं। कलेक्टर-एसपी अधिकारी से लेकर रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन या पीडब्ल्यूडी जैसे जिम्मेदार विभागों का इस तरह ध्यान ही नहीं है। वहीं, गौवंश की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहने वाले सामाजिक संगठनों द्वारा इसके प्रति कभी कोई प्रदर्शन या ज्ञापन नहीं सौंपा गया है।
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