हरियाणा सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका के खिलाफ दायर आरोप पत्र रद्द कर दिया है। श्री खेमका पर छह आरोप लगाए गए थे जिनमें रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी और डीएलएफ के बीच जमीन के एक सौदे का म्यूटेशन रद्द करने को अधिकार क्षेत्र से बाहर की कार्रवाई बताना शामिल था। अन्य पांच आरोपों में गलत आदेश देना, गलत सुझाव देना, सरकार और उसकी नीति की मीडिया में आलोचना करना, पदभार देरी से लौटाना और नियमों का उल्लंघन करना शामिल थे। दिसम्बर 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था।
श्री खेमका ने इस वर्ष के शुरू में राज्य सरकार को अपना जवाब सौंपा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने छह अक्टूबर को उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया था। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजीव कौशल ने आरोप पत्र रद्द किए जाने की पुष्टि की है।
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