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हरतालिका तीज के बाद बड़ी झील के माताघाट पहुंची महिलाएं हुईं दुखी, जलकुंभी से पटा घाट

बड़ी झील का शीतला माता घाट पर हरतालिका तीज करने वाली महिलाएं आज जब पहुंची तो वहां का दृश्य देखकर वे दुखी हो गईं। माता घाटा पूरी तरह से जलकुंभी से पटा था और पानी मटमेला था। रात को पूजा अर्चना करने के बाद झील में पहुंची थीं। झील की यह हालत देखकर लोगों का कहना है कि अब श्रद्धा पक्ष में लोग कैसे पित्रों को तर्पण करेंगे।
कोरोना महामारी के दो साल बाद सनातनी महिलाओं ने उत्साह के साथ हरतालिका तीज व्रत रखा और दिन -रात के कठिन तीज पूजन के सामूहिक आयोजन किये और तड़के जब घाटपूजन हेतु फतेहगढ स्थित शीतला माता घाट पहुँचीं तो जलकुंभी से पटाघाट देख दुखी हो गई। जलकुंभी हटाने पर जल मटमैला था। यह जलकुंभी भारी वर्षा के दौरान रेतघाट से फतेहगढ साइड के तालाब में आई थी और जिम्मेदारो ने शिकायत के बाद भी नहीं हटाई।
घाट स्थित मंदिर के पुजारी से जब लोगों ने इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि जलकुंभी हटाने की सूचना के बाद कल नगर निगम के कुछ कर्मी आये थे और घाट की सीढ़ियों पर सूखी जलकुभी वापस तालाब में डालकर चले गये। नगरनिगम के कर्मियों ने कहा कि बड़ी मशीन इस तरफ आ नहीं सकती और छोटी मशीन पानी में डूबी पड़ी है।आश्चर्य की बात उन्होंने यह कहीं कि उन्हें तैरना नहीं आता ।तैराक कर्मचारी ही इसे तैरकर हटा सकेंगे ।
धार्मिक आयोजनों में अब क्या होगा
घाट के मंदिर के पुजारियो की चिंता है कि कब तैराक आयेगे और जलकुभी हटेगी।आज से ही प्राचीन भोपाल के सनातनी गणेशोत्सव, श्राद्ध पक्ष और नवरात्रि, दशहरा तक सवा महिने,पूजा-अर्चना के साथ कर्मकांड हेतु फतेहगढ स्थित शीतला माता मन्दिर, कंठली ट्रस्ट मन्दिर गहोई वैश्य पंचायत, श्री गौरी शंकर मन्दिर, राम मंदिर कार्तिक घाट इसी परिसर से लगे हुए दो और मन्दिर धरणीधर, विजयासन मन्दिर पर आयेगे।
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