स्कूलों की मनमानी पर बरसे भाजपा सांसद

प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी इस कदर पीड़ादायक हो चुकी है कि इसकी गूंज भोपाल से लेकर दिल्ली तक सुनाई दे रही है| मध्य प्रदेश के उज्जैन से सांसद प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय ने गुरूवार को लोकसभा में सीबीएसई स्कूलों में मची लूट का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा एडमिशन के नाम पर तो कभी फीस के नाम पर पालकों को बेहिसाब लूटा जा रहा है|  स्कूलों में लूट के जो आंकडे आए है ,उसके तहत अकेले मध्य प्रदेश में करीब दो हजार करोड़ के कमीशन की हेराफरी हो सकती है।जबकि पूरे देश में इसे देखा जाए,तो यह करीब 50हजार करोड़ का केवल खरीदी में कमीशन का मामला है। जो अभिभावको को उठाना पड़ता है।

करोड़ो की कमीशन की हेराफेरी

सांसद चिंतामणि मालवीय ने कहा कि देश में मौजूदा समय में करीब 18,700 सीबीएसई स्कूल है। वहीं प्रदेशभर में करीब 2700 सीबीएसई एफिलेटेड स्कूल हैं| इन स्कूलों पर न तो राज्य सरकार और न ही सीबीएसई का कोई नियंत्रण है। जिसके चलते इन स्कूलों में मनमानी फीस (दो हजार से दस हजार रुपए प्रति माह)और डोनेशन के नाम पर एक लाख रुपए लिया जाता है। इसके अलावा कॉपी, किताबें और जूते आदि में भी भारी कमीशनबाजी चल रही है।  तगड़ी फीस वसूलते हैं। कॉपी-किताबें, जूते, ड्रेस आदि भी निश्चित दुकान से खरीदने को विवश किया जाता है। निजी स्कूलों की कमीशनखोरी का संसद में पर्दाफाश करते हुए उन्होंने कहा कि 2 से 10 हजार करोड़ तक की कमीशनखोरी मेरे संसदीय क्षेत्र में की जाती है। जबकि पूरे देश में 50 हजार करोड़ का आंकड़ा केवल खरीदी हो सकता है। सिर्फ मध्य प्रदेश में करीब दो हजार करोड़ के कमीशन की हेराफरी हो सकती है|

फीस नियंत्रण पर कानून लाने की तैयारी

प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा विधानसभा में भी उठा था और विपक्ष ने स्कूल शिक्षा मंत्री को घेरते हुए सरकार पर स्कूल संचालन को संरक्षण देने का आरोप लगाया था| जिस पर मंत्री ने कानून बनाने की बात कही थी| अब राज्य सरकार पहली बार प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित काने के लिए विधानसभा में विधेयक लाकर कानून बनाने वाली है । फीस तय करने के लिए सरकार सुविधा और गुणवत्ता के आधार पर निजी स्कूलों की पांच केटेगरी बनाएगी। हर केटेगरी के लिए फीस के अलग-अलग पांच स्लैब बनाए जाएंगे। लेकिन स्कूल बसों के किराए में कोई अंतर नहीं रहेगा। सभी तरह के स्कूलों के लिए बसों का किराया प्रति किलोमीटर के हिसाब से एक समान तय किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने गुरुवार को प्रदेशभर से आए निजी स्कूल संचालकों से चर्चा के बाद यह संकेत दिए हैं। लेकिन अभिभावकों का विरोध ख़त्म नहीं हो रहा है| पालकों ने मंत्री विजय शाह के जवाब से असंतुष्टि जताई है| स्कूल संचालकों से थ्री स्टार होटल में हुई बैठक के दौरान हंगामा भी हुआ था| बच्चो के पालकों ने स्कूलों से पहले पेरेंट्स के साथ मीटिंग करने की बात कही थी|

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