मध्य प्रदेश कांग्रेस को लेकर यह खबरें चलती रहती हैं कि बड़े नेता एक नहीं है लेकिन आज स्व. सुभाष यादव की जयंती के बहाने इन नेताओं को एक मंच-एक जगह देखकर यह कहा गया कि पूरी कांग्रेस एकजुट है। विधानसभा चुनाव 2023 में इसी एकजुटता के साथ मैदान में उतरने का इरादा सुभाष यादव के गृह गांव बोरावां कसरावद में दिखाई दिया। देखिये तस्वीरों व वीडियो में एकजुटता।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेदों को लेकर सुर्खियां बनती रहती हैं और कई बार बयानों में इसकी झलक भी दिखाई देती है। मगर विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अब कांग्रेस में यह कहीं न कहीं संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि बड़े नेताओं के बीच कोई भी दूरी या मतभेद नहीं है। केवल समाचारों में यह प्रचार किया जा रहा है और इसी एकजुटता को दिखाने के लिए सहकारिता के जाने वाले स्तंभ और मध्य प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुभाष यादव की जयंती के बहाने उनके गृहगांव बोरावां कसरावद में जमा हुए है।
अरुण यादव-सचिन यादव की पहल
स्व. सुभाष यादव के पुत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री व पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव और उनके अनुज पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कांग्रेस नेताओं को एक मंच पर लाने के लिए आज एक पहल की है। यादव बंधुओं ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को अपने पिता सुभाष यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोरावां में आमंत्रित किया। इसमें पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के साथ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व पीसीसी अध्य़क्ष सुरेश पचौरी व कांतिलाल भूरिया से लेकर कई पूर्व मंत्री व विधायक यहां पहुंचे जिससे कांग्रेस की एकजुटता का जो संदेश पार्टी देना चाह रही थी, वह दिखाई दिया।
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