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सीसीएफ को धमकाने वाले रेंजर सुनील जैन की जांच शुरू, मानहानि की तलवार भी लटकी

बैतूल के एक रेंजर सुनील जैन द्वारा करीब चार महीने पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी आईएफएस सीसीएफ अनिल कुमार सिंह को धमकाते हुए वायरल ऑडियो के मामले में वन विभाग की जांच शुरू हो गई है। भोपाल से जांच के लिए टीम बैतूल पहुंच गई है। वहीं, रेंजर के खिलाफ सीसीएफ द्वारा मानहानि की कार्रवाई करने के लिए राज्य शासन से अनुमति भी मांगी गई है और इससे खुद को राजनीतिक पहुंच होने का दिखावा करने वाले रेंजर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
बैतूल अनुसंधान एवं विस्तार में पांच साल से पदस्थ रेंजर सुनील जैन के ऑडियो की जांच करने दो सदस्य जांच दल गुरुवार को बैतूल पहुंच रहा है. उधर बैतूल में भी रेंजर जैन के कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. इस संबंध में बैतूल कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और सीसीएफ को ज्ञापन भी सौंपा है गंभीर जनक पहलू यह है कि रेंजर की ऑडियो ने जंगल महकमे में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता की पोल खोल दी. ऑडियो वायरल होने के बाद भी महकमे के मुखिया से लेकर सीसीएफ तक उसका बाल बांका नहीं कर पा रहे है.
पिछले दिनों बेतूल में पदस्थ रेंजर सुनील जैन और सागर में पदस्थ सीसीएफ अनिल कुमार सिंह के बीच हुई वार्तालाप का एक ऑडियो वायरल हुआ था. इसमें रेंजर कह रहा है कि ‘ मैंने नीमा को परेशान किया और सुबुद्धि और उचाड़िया भी परेशान हुए, आपको भी नहीं छोडूंगा. ऑडियो वायरल होने के बाद अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने संज्ञान लेते हुए वन बल प्रमुख आर के गुप्ता को जांच के निर्देश दिए हैं. एसीएस के निर्देश पर गुप्ता ने जांच के लिए 2 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. बैतूल अनुसंधान एवं विस्तार में पदस्थ रेंजर सुनील जैन का सर्विस ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है. कई अधिकारियों से भिड़ चुके हैं. वर्तमान सीसीएफ बैतूल पीजी फुलजले ने भी रेंजर सुनील जैन को हटाने की सिफारिश मुख्यालय से कर चुके हैं. मुख्यालय में पदस्थ शीर्ष अधिकारियों की वरद हस्त होने के कारण जैन के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जबकि शिकायत एवं सतर्कता के मुखिया रहे तेज- तेजतर्रार आईएफएस अरुण कुमार ने पहली बार जैन के डिस्मिसल करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा था किंतु उस प्रस्ताव को डंप कर दिया गया.
- सीसीएफ ने मांगी मानहानि की अनुमति*
सागर में पदस्थ सीसीएफ अनिल कुमार सिंह ऑडियो वायरल होने के बाद से डिप्रेशन में है. उन्होंने एसीएस वन जेएन कंसोटिया को पत्र लिखकर रेंजर जैन के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही और मानहानि मुकदमा दायर करने की अनुमति मांगी है. अपने पत्र में सिंह ने लिखा है कि सीधी भर्ती के रेंजर जैन अगले वर्ष सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनके खिलाफ अनेकों विभागीय जांच प्रचलित रहने के कारण आज तक एक भी प्रमोशन नहीं हुआ है. इनके विरुद्ध कई विभागीय जांच हुई और निलंबित भी हुए हैं. एक प्रकरण में शासन द्वारा सेवा से पृथक करने की कार्यवाही भी हुई है, जो शासन स्तर पर लंबित है.
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