विंध्य के सीधी जिले में कलेक्टर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे एक आवेदक की बार-बार शिकायत आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने के गुस्से का जवाब गुस्से में देते हैं। कहते हैं बोलिये, अब आप चलिए बाहर जाइए। यह आवेदक अपने लिए नहीं बल्कि अपने गांव में हो रहे काम की क्वालिटी की चिंता में भटक रहा है और कहीं से उसे कोई राहत नहीं मिल पा रही है। सुनिये वायरल वीडियो में आवेदक का गुस्सा व कलेक्टर की खीझ।
सीधी जिले के कलेक्टर साकेत मालवीय के दरबार में एक आवेदक अपने गांव की पंचायत के काम की गुणवत्ता की चिंता करते हुए आवेदन लेकर पहुंचा था। उसका कहना था कि वह सांसद-विधायक की अनुशंसा लेकर 40 बार कलेक्टर के बार पहुंच चुका है लेकिन आज तक उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ। इससे व्यथित होकर आवेदक ने दरबार में मौजूद लोगों की तरफ मुखातिब होकर अपनी बात कही तो कलेक्टर साहब को नागवार गुजरा और वे बार-बार उसे उनकी तरफ मुंह करके बोलने की हिदायत देते रहे और आखिरी में वे उसे खीझते हुए अंदाज में बोले चलिए बाहर जाइए।
कुछ इस तरह चली आवेदक-कलेक्टर में बहस
आवेदकः थोड़ा इसमें देख लें, सर। ऐसे कैसे चलेगा सर। मनमाने ढंग से काम करा रहा है।ठीक तरह से सही समय पर काम नहीं करा रहा है। पूरा पैसा खा गया। सांसद से लेकर विधायक और 40 बार आपसे मिल चुका हूं। अब तो प्रशासन से भरोसा उठ गया है। आप बोल दें मैं चला जाऊंगा। कार्रवाई नहीं हो रही है कोई मतलब नहीं है। यह जनता का दरबार है।
कलेक्टरः चिल्लाई मत।
आवेदकः चिल्लाए क्यों नहीं, इतने सारे दस्तावेज लाया हूं।
कलेक्टरः क्या दस्तावेज है। किसको दिखा रहे हो।
आवेदकः आप देखिये जब जनता का काम नहीं होता तो किस बात का है। मैं आपके पास आता हूं कि ग्राम पंचायत का सही तरीके से काम नहीं हो रहा है तो उसमें एक्शन लीजिए। हमारा समय बरबाद हो रहा है। अगर मैं गलत काम करा रहा हूं तो जेल भिजवा दीजिए। हमारे सीधी के प्रशासन में कुछ काम ही नहीं हो रहा है। एक काम के लिए पचास मर्तबा आवेदन देने आते हैं। कोई काम ही नहीं हो रहा है।
कलेक्टरः और कुछ
आवेदकः मेरा निवेदन है कि यह जनता का दरबार है और यहां जो बैठता है जनता के न्याय के लिए बैठता है। अगर हमको न्याय नहीं मिलता है तो यह दरबार किस काम है। अगर बुरा लगता हो तो मुझे जेल भिजवा सकते हैं।
कलेक्टरः बोल लिया। चलिए बाहर जाइए। बहस मत करिये। उधर घूमकर बोलिये।
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