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सीएम शिवराज ने जैत के शिविर में आवेदनों पर सीधे कार्रवाई की, नशे कारोबारियों को चेतावनी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सीहोर जिले के अपने गृह ग्राम जैत में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना-समझा और मौके पर ही उनका निराकरण किया। मंच पर अफसरों को बुलाकर आवेदनों की स्थिति पूछी और उनकी रिपोर्ट लेकर लोगों के कामकाज निपटाए। यह सिलसिला डेढ़ घंटे तक चला। सीएम ने अवैध धंधा और नशा के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को चेतावनी दी कि उनके घर पर बुलडोजर चलाएंगे। वे अपने अवैध काम बंद कर दें।
जैत में आज सीएम ने जन सेवा अभियान शिविर में वहीं सभी विभागों के अफसरों को बुलाकर लोगों की समस्याओं को सुना, जिनका निराकरण हो सकता था वहीं निर्देश दिए और जिनमें कोई प्रक्रिया का पालन होना था, उन्हें तुरंत निपटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को कहा। शिविर के पहले अफसरों ने आवेदन एकत्रित कर लिए थे और बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग थे जो सीधे सीएम को ही आवेदन देना चाह रहे थे तो चौहान ने अपने पहुंचने के बाद उन लोगों से आवेदन लिए।
मंच पर सीएम ने एक-एक विभाग की रिपोर्ट ली
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शिविर के मंच पर एक-एक विभाग की रिपोर्ट ली। जैत के अलावा पांच अन्य पंचायतों डोबी, बोरना, सरदारनगर, नारायणपुर और मछवाई से लोग शामिल हुए। जैत की महिलाओं के स्व-सहायता समूह के कामों के बारे में उनके माध्यम से ही रखा गया। नामांतरण के पिछले शिविर में आए आवेदन में से चार पूरे हो गए जिसमें एक आवेदक धर्मेंद्र चौहान से सीएम ने सीधे संवाद कर पूछा कि पैसे तो नहीं लगे। आयुष्मान पोर्टल में सबसे ज्यादा जोड़े गए। सीएम ने शिविर में आए लोगों के आवेदनों को जब एकत्रित किया तो उनमें सबसे ज्यादा आर्थिक सहायता के पाए गए। इस पर सीएम ने कहा कि परीक्षण कराकर उन्हें स्वीकृत किया जाएगा।
सीएम ने प्रधानमंत्री मातृ योजना पर सवाल किया
सीएम ने प्रधानमंत्री मातृ योजना की प्रक्रिया पर सवाल उठाया औऱ कहा कि यह तो स्वतः ही होना चाहिए। डिलीवरी वाली महिला को आवेदन की जरूरत ही नहीं पड़ना चाहिए। सीएम ने यह सवाल चार महिलाओं को योजना का लाभ लंबित होने पर उठाया। चौहान ने कहा कि योजना का लाभ तुरंत मिले, न कि बच्चे के एक या सवा साल हो जाने पर फायदा मिले। इसमें आवेदन की जरूरत नहीं पड़ना चाहिए।
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