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सीएम योगी ने फिल्म को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया
1 दिसम्बर को रिलीज होने वाली फिल्म पद्मावती का विरोध सबसे ज्यादा राजस्थान में हो रहा है। चूंकि पद्मावती की कहानी राजस्थान के चित्तौड़ घराने से जुड़ी हुई है। इसलिए राजस्थान के राजपूत समाज में इस फिल्म को लेकर भारी गुस्सा है। पूर्व राजघरानों से लेकर प्रमुख राजपूत नेताओं तक में इस फिल्म का विरोध किया है। चूंकि इस समय सीएम की कुर्सी पर भी राजपूत समाज की श्रीमती वसुंधरा राजे विराजमान है, इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि राजस्थान में सबसे पहले इस फिल्म पर बैन लगाना चाहिए, लेकिन बैन लगाने की प्रक्रिया को सबसे पहले यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरू कर दिया है। योगी सरकार ने इस फिल्म को उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए खतरा मानते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इस मंत्रालय के अधीन ही फिल्म सेंसर बोर्ड आता है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का मन बना लिया है। एक ओर यूपी में बैन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तो वहीं राजस्थान में अभी तक भी मुख्यमंत्री राजे की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यानि राजस्थान में जो गुस्सा है उसका असर यूपी में हो गया है, लेकिन राजस्थान में नहीं जबकि राजस्थान में तो राजपूत समाज की ओर से जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। कोटा के एक सिनेमा घर में फिल्म का ट्रेलर दिखाए जाने पर ही तोड़ फोड़ हो गई। राजपूत करणी सेना के माध्यम से प्रदेश भर में आंदोलन चलाया जा रहा है। करणी सेना ने साफ कहा है कि जिस सिनेमा घर में फिल्म चलेगी उसे आग के हवाले कर दिया जाएगा। सेना के एक धड़े ने 30 नवम्बर को राजस्थान बंद तो दूसरे धड़े ने 1 दिसम्बर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। 16 नवम्बर को भी प्रदेशभर में आंदोलन का दौर जारी रहा।
दीवान का विरोधः
अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने 16 नवम्बर को एक बयान जारी कर पद्मावती फिल्म का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली अभिव्यक्ति की आड़ में लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का रहे हैं। इस फिल्म के ट्रेलर को देखने से प्रतीत होता है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने मुसमानों से अपील की वे भी फिल्म का विरोध करें। आबेदीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया वे इस पूरे विवाद में दखल दें और फिल्म को रिलीज होने से रोके। सरकार को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती हो
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