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सिर्फ गौ-कैबिनेट से गौवंश संरक्षण व संवर्धन नहीं होगा: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कल 22 नवंबर को गोपाष्टमी के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा गठित गौकैबिनेट की पहली बैठक आगर मालवा जिले के सालरिया में बने देश के पहले गौ अभयारण्य में करने का पूर्व में निर्णय लेने व बाद में उसे निरस्त करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ गौकैबिनेट बनाने से ही गौवंश का संवर्धन व संरक्षण नहीं हो सकेगा। भाजपा सरकार में एक तरफ़ गौ अभयारण्य में गौमाताओं की रोज़ मौते हो रही है वही दूसरी तरफ़ शिवराज सरकार गौकेबिनेट के नाम पर जनता को गुमराह करने में लगी हुई है।
सितंबर 2017 में प्रदेश के आगर मालवा जिले के सालरिया में शुभारम्भ किए गए देश के पहले इस गौ अभयारण्य को लेकर भी शिवराज सरकार ने कई बड़े-बड़े दावे किए थे , यहाँ शिवराज सरकार अपनी गौकेबिनेट की पहली बैठक करने जा रही थीं लेकिन वहाँ की बदहाली , अव्यवस्थो की ,गौमाताओं की मौतों की व उनके शवों की दुर्दशा की तस्वीरें सामने आने के बाद शिवराज सरकार बेकफूट पर आ गयी है और अपनी किरकिरी से बचने के लिये उन्हें अपनी गौकेबिनेट की पहली बैठक इस गौ अभयारण्य में करने के निर्णय को पलटना पड़ा है। बेहतर होता कि वही गौकेबिनेट कर इस अभयारण्य की अव्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर सभी के साथ देखते और सच्चाई स्वीकार कर शुभारम्भ के बाद से ही हो रही गौमाताओ की निरंतर मौतों पर प्रदेशवासियो से मुख्यमंत्री माफ़ी माँगते।
यह गौ अभयारण्य अपनी बदहाल स्थिति व अव्यवस्थाओं के कारण आज गायों का श्मशान बन चुका है।यहां प्रतिदिन गायों की मौते होना सामान्य बात है।शुभारम्भ के 2 माह बाद ही यहां सैकड़ों गायों कि मौत की खबरें सामने आई थी और शुभारम्भ के पांच माह बाद ही यहाँ नई गायों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी ,जिसके पीछे पैसे की कमी ,हरे चारे ,भूसे व पानी की कमी का कारण सामने आया था।
इस अभ्यारण में गायों को रखने के लिए कई शेड बने हैं और कई शेड भूसे व चारे के लिए बने हैं लेकिन भूसे व चारे के कई शेड खाली पड़े हुए हैं।इस अभयारण्य में जगह-जगह मृत गायें पड़ी है , मृत गायों के शरीर को कुत्ते नोच रहे हैं , उनकी हड्डियां बिखरी पड़ी है ,इसकी तस्वीरें रोज़ सामने आ रही है ,बेहद बदहाल स्थिति में यह गौ अभयारण्य पहुंच चुका है , यहाँ गायों की समुचित देखभाल के लिये बजट का भी अभाव है।
शिवराज सरकार ने तो गाय के चारे की राशि में भी कमी कर दी है।अच्छा होता कि गौ केबिनेट की बैठक यहां होने से इस गौ अभयारण्य की बदहाली की वास्तविक तस्वीर सभी अपनी आँखो से देख सकते।
गोपाष्टमी के दिन इस अभयारण्य जा रहे मुख्यमंत्री को इस पूरे अभयारण्य का अवलोकन करना चाहिये , यहाँ की अव्यवस्थाओं व बदहाली दूर करने के लिये आवश्यक निर्णय लेना चाहिये व गौवंश के संरक्षण व संवर्धन को लेकर अपनी सरकार की नाकामियों पर एवं निरीह गायों की मौतों पर प्रदेशवासियो से माँफी माँगना चाहिये।
गौ माता के नाम पर सिर्फ़ राजनीति करने वाली भाजपा ने अपनी 15 वर्ष की सरकार में और वर्तमान आठ माह की सरकार में गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए कुछ भी नहीं किया ,वहीं कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र के वादे के मुताबिक प्रदेश में 1000 गौशालाओं का निर्माण कार्य शुरू कराया।
श्री नाथ ने कहा कि वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की व प्रदेश में बड़ी संख्या में गौ शालाएँ व गौ अभयारण्य बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज जी आज अपनी पुरानी घोषणाओं को भूल सिर्फ़ गौ केबिनेट की बात कर रहे है।अपनी सरकार में वो चारगाह की भूमि पर गोल्फ़ कोर्स बनाने जा रहे है, जिसे कांग्रेस के विरोध के कारण रोकना पड़ा था।
भाजपा सरकार को गोवंश के संरक्षण व संवर्धन की यदि इतनी ही चिंता है तो उन्हें प्रदेश में कांग्रेस सरकार की तरह ही बड़ी संख्या में गौशालाओं का निर्माण कार्य चालू कराना चाहिए , निराश्रित गौवंश के संरक्षण व संवर्धन के लिये पर्याप्त बजट का प्रावधान करना चाहिये और कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुए गौवंश के संरक्षण व संवर्धन के कामों को आगे बढ़ाना चाहिये ,आगर के इस गौअभ्यारण की बदहाली को दूर करना चाहिए।यहां करीब 4000 गाये रहती है ,उनके लिए पर्याप्त भूसे व चारे की व्यवस्था ,पानी की व्यवस्था और ठंड से उन्हें बचाने के पर्याप्त उपाय करना चाहिए, उनके रखरखाव के लिये पर्याप्त बजट का आवंटन करना चाहिए , अपनी पुरानी घोषणाओं को पूरा करना चाहिये।
लेकिन सिर्फ़ बातें करने व झूठी घोषणाएँ करने से कुछ होने वाला नहीं है ,पूरा प्रदेश जानता है कि शिवराज जी की घोषणाओं का क्या हश्र होता है ,चुनाव के पूर्व गौ मंत्रालय की घोषणा करने वाले आज गौकैबिनेट पर आ गए हैं और थोड़े दिन बाद कृषि कैबिनेट ,पर्यटन कैबिनेट की तरह ही गौ कैबिनेट देखने को भी नहीं मिलेगी ,सिर्फ जनता को गुमराह व भ्रमित करने के लिए भाजपा इस तरह की सिर्फ़ बातें करती हैं।
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