सिंहस्थ महाकुंभ में संतों और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंहस्थ से संबंधित सभी निर्माण समय-सीमा में पूर्ण हो। उन्होंने कहा है कि कार्य की प्रगति की स्थानीय स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा की जाये।

राज्य स्तर से भी साप्ताहिक मॉनीटरिंग की जाये। श्री चौहान सिंहस्थ की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्‍य सचिव श्री अंटोनी डिसा और सिंहस्थ आयोजन से संबंधित प्रशासन/ पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायें। उनकी सहूलियत और सुरक्षा के सभी जरूरी कार्य उत्कृष्टतम गुणवत्ता के साथ किये जायें। उन्होंने कहा कि महाकुंभ संत समाज का समागम है। उनकी आशाओं, अपेक्षाओं को प्रबंधन और व्यवस्था निर्माण में संयोजित किया जाये। प्रशासन संत समाज के साथ जीवंत संपर्क बनाये रहे। आयोजन की व्यवस्थाएँ उनके सहयोग और सामंजस्य के साथ की जाये।

श्री चौहान ने कहा कि आयोजन की सफलता का आधार जनसमूह प्रबंधन है। प्रशासन इस कार्य में जन-प्रतिनिधियों, संत समाज, आमजन और स्वयंसेवियों का सक्रिय सहयोग लें। यह आयोजन सभी का सभी के लिये हैं। उन्होंने उज्जैन और ओंकारेश्वर की नगरीय व्यवस्थाओं, ट्रैफिक और नागरिक सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालु और सैलानी उज्जैन की व्यवस्थाओं से ही मध्यप्रदेश की छवि बनायेंगे। आयोजन व्यवस्थाएँ उत्कृष्टतम हो। स्वच्छता के उच्चतम मानदंडों का अनुपालन किया जाये।

उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में शौचालय बनाये जायें, ताकि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं जाये। ऐसे प्रयास किये जाये। स्वयंसेवी संस्थाओं और जनसेवियों के माध्यम से जन-जागृति के प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने अखाड़ों की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मेला प्रशासन को निर्देशित किया कि वे संत समाज के साथ संपर्क के लिये सहायकों को तैनात करे, जो संतों को प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सहयोग और समन्वय करें।

लोक निर्माण विभाग ने बताया कि पुल-पुलिया के कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण हो जायेंगे। अधिकांश सड़कें भी बन जायेंगी। शेष कार्य जनवरी 2016 तक पूर्ण हो जायेंगे। सड़क विकास निगम ने भी दिसम्बर तक कार्य पूर्ण करने की जानकारी दी। जल संसाधन विभाग ने फरवरी माह के प्रारंभ तक सभी कार्य पूरे होने की जानकारी दी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि मेला अवधि में पेयजल आपूर्ति के पर्याप्त प्रबंध किये गये हैं। स्वच्छ जलापूर्ति और जल टेस्टिंग की व्यवस्थाएँ की गई हैं। मेला क्षेत्र करीब 1000 प्याऊ भी लगाये जायेंगे। नगर निगम उज्जैन द्वारा बताया गया कि 4000 हेक्टेयर मेला क्षेत्र में अधिसूचित किया गया है। कुल 2533 हेक्टेयर को समतल करने का कार्य तेज गति से हो रहा है। जनवरी 2016 तक 7650 नये विद्युत खम्बे भी लग जायेंगे। मेला क्षेत्र में 10 हजार मूत्रालय और 37 हजार नये शौचालय बनाये जा रहे हैं। गृह विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में ट्रैफिक प्लान की जानकारी दी गई। पर्यटन विभाग ने बताया कि उज्जैन स्थित वर्तमान होटल में 20 नये कक्ष का निर्माण कार्य नवम्बर माह में पूरा हो जायेगा। नया होटल उज्जयिनी इस माह के अंत तक तैयार हो जायेगा।

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