सत्याग्रह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चुटकी ली

कांग्रेस के पूर्व मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किसानों के हितों को लेकर किए गए 72 घंटे के सत्याग्रह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चुटकी ली। उन्होंने यहां तक कहा कि वे 72 घंटे भी सत्याग्रह में नहीं बैठे और दुकान लपेटकर चलते बने। सिंधिया ने बुधवार को 72 घंटे का सत्याग्रह टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में शुरू किया था। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 28 घंटे के उपवास के ‘काउंटर’ के तौर पर माना गया। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि सिंधिया का यह काउंटर नहीं, अपनी पार्टी के लोगों के खिलाफ ही एनकाउंटर था। वे अपने ही दल के नेताओं अरुण यादव, अजय सिंह, सुरेश पचौरी को नीचा दिखाना चाहते थे, इसी के लिए उन्होंने यह आयोजन किया।

वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों से ब्याज लेना तो दूर, उन्हें मूलधन पर 10 प्रतिशत की छूट दे रही है। कांग्रेस कभी भी किसानों की हितैषी नहीं रही। जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात है, तो वे 72 घंटे से पहले ही अपनी दुकान लपेटकर चलते बने।

बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में किसान आंदोलन में पिछले हफ्ते 6 किसान पुलिस फायरिंग में मारे गए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुना से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मंदसौर पीड़ित परिवार से मिलने आ रहे थे। उस समय पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। शाम को पर्सनल बॉन्ड पर उन्हें रिहा कर दिया गया है। मंदसौर आते वक्त पुलिस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को गिऱफ्तार कर लिया था। सिंधिया के खिलाफ धारा 151 में कार्रवाई की गई थी। सिंधिया को समर्थकों के साथ मंदसौर में प्रवेश करने से पहले ढोढर में पुलिस ने रोका था। इस दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, “धारा 144 लगा है तो मैंने पुलिस को कहा है कि अकेला जाऊंगा। कौन रोक सकता है अगर एक इंसान अकेले जाना चाहता है?” सिंधिया से पहले पुलिस ने हार्दिक पटेल को हिरासत में लिया था।

बता दें कि मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मंदसौर में 5 किसान मारे गए थे। जिसके बाद किसान उग्र हो गए थे। किसानों ने विरोध में 100 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। यही नहीं एक पुलिस थाने को भी फूंक दिया था। बाद में एक और घायल किसान की मौत हो गई थी। जिसके बाद राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। सिंधिया के अलावा गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल भी पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को मंदसौर जा रहे थे। हालांकि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया।

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