बिहार विधानसभा चुनाव का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को मिला है जिसने दो दशक के बाद वहां इस अवधि की सबसे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। 26 सीटों पर जीत दर्ज करने पर कांग्रेस को संजीवनी मिली है। इससे कांग्रेस नेता ही नहीं आम कार्यकर्ता में स्फूर्ति आने की संभावना है। लगातार हार मिलने से निराश कार्यकर्ता में चेतना आई है।
अब कांग्रेस मध्यप्रदेश में बिहार चुनाव परिणामों का उपचुनावों में फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगी। रतलाम लोकसभा सीट और देवास विधानसभा सीट पर कांग्रेस पूरी ताकत लगाएगी लेकिन यह तभी संभव होगा जब कई खेमों में बंटी प्रदेश कांग्रेस एकसाथ खड़ी होकर चुनाव लड़े।
वहीं बीजेपी बिहार चुनाव परिणामों से सबक लेकर चुनाव में जान फूंकेगी। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ में इसके संकेत भी दे दिए हैं और उन्होंने इन परिणामों को लेकर वहां कोई टिप्पणी नहीं कर बहुत सकारात्मक रवैया अपनाया। देखना यह है कि बीजेपी बिहार के चुनाव परिणामों की नकारात्मकता को कितना कम कर पाती है। अगर बीजेपी इस दिशा में सफल हो गई तो रतलाम व देवास ही नहीं निकट भविष्य में मैहर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी अपना परचम लहराएगी।
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