श्री राधा मोहन सिंह ने ई-पशु हाट पोर्टल को लॉन्च किया

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज नई दिल्ली में राष्‍ट्रीय दुग्‍ध दिवस के अवसर पर ई-पशु हाट (www.epashuhaat.gov.in) पोर्टल को लॉन्च किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा देश मे पहली बार राष्ट्रीय  बोवाइन उत्पादकता मिशन के अंतर्गत ई पशुधन  हाट पोर्टल स्थापित किया गया है।  यह पोर्टल देशी नस्लों के लिए प्रजनकों और किसानों को जोड़ने मे एक महतवापूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पोर्टल के द्वारा किसानो को देशी नस्लों की नस्ल वार सूचना प्राप्त होगी। इससे किसान एवं प्रजनक  देशी नस्ल की गाय एवं भैंसो को खरीद एवं बेच सकेंगे। देश मे उपलब्ध जर्मप्लाज्म की सारी सूचना पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है। जिससे किसान इसका तुरंत लाभ उठा सके। इस तरह का पोर्टल विकसित डेयरी देशों मे भी उपलब्ध नहीं है। इस पोर्टल के द्वारा देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी।

 

  • भारत में विश्‍व की सबसे बड़ी बोवाईन आबादी है। यहां 199 मिलियन गोपशु हैं जो विश्‍व की गोपशु आबादी का 14% है।  यहां 105 मिलियन भैंसे हैं जो विश्‍व की भैंस आबादी का 53% है। 79%  गोपशु देशी है और 21% विदेशी तथा वर्णसंकरित नस्‍लों के हैं।
  • गोपशु की 37 नस्‍लें तथा भैंसों की 13 नस्‍लें राष्‍ट्रीय पशु आनुवंशिक स्रोत ब्‍यूरो (एनबीएजीआर) से मान्‍यता प्राप्‍त है।
  • देशी बोवाईन नस्‍लें उष्‍मा साध्‍य हैं तथा रोग और चिचड़ा प्रतिरोधी है। यह प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में अच्‍छी तरह से रह लेती है। कुछ नस्‍लों में ईष्‍टतम पोषण तथा फार्म प्रबंधन परिस्थितियों में अत्‍यंत उत्‍पादक होने की क्षमता है।
  • भारत की बोवाईन आबादी 60 मिलियन सीमांत, छोटे और मध्‍यम किसान परिवारों के पास है। इनके पास औसतन दो से तीन दुधारू पशुओं का झुंड है।
  • डेयरी व्‍यवसाय किसानों के लिए अनुपूरक आय का एक प्रमुख स्रोत है। तथापि, भारतीय फार्म प्रबंधन प्रणाली विशिष्‍ट रूप से कम उत्‍पादकता के साथ कम आदान, कम उत्‍पादन प्रणाली है।
  • किसानों की आय को 2020 तक दोगुना करने की माननीय प्रधान मंत्री की परिकल्‍पना को पूरा करने के लिए पशुपालन से होने वाली आय के हिस्‍से को बढ़ाने के लिए एक  कार्यनीति को अपनाने की आवश्‍यकता है।

पशु व्‍यापार बाजार से संबंधित कमियां

  • कोई प्रमाणिक संगठित बाजार नहीं।
  • उच्‍च आनुवांशिक गुणता वाले रोगमुक्‍त जर्मप्‍लाज्‍म को प्राप्‍त करना मुशिकल।
  • अन्‍य कुप्रथाओं में पशुओं को दुध का उत्‍पादन बढाने के लिए विशेष आहार देना, उनके सींग हटाना तथा आयु के बारे में गलत जानकारी देने के लिए दांतों को भरना शामिल है।

ई-पशु हाट का उद्देश्‍य और लक्ष्‍य

  • पशुधन जर्मप्‍लाजम के लिए ई-व्‍यापार बाजार पोर्टल
  • किसानों को प्रजनकों के साथ जोड़ेगा।
  • जर्मप्‍लाज्‍म की उपलब्‍धता के बारे में वास्‍तविक समय में प्रमाणिक सूचना।

पोर्टल का ब्‍यौरा

  • किसानों को उन सभी स्रोतों के बारे में जानकारी देगा जहां हिमित वीर्य, भ्रूण तथा जीवित पशु, पशुधन प्रमाणन के साथ उपलब्‍ध है।
  • किसानों को देश के 56 वीर्य केंद्रों (20 राज्‍यों), 4 सीएचआरएस (4 राज्‍य तथा 7 सीसीबीएफ (6 राज्‍य) के साथ जोड़ेगा तथा “किसान से किसान तक” तथा “किसान से संस्‍थान तक” संपर्क स्‍थापित करेगा।

किसानों के लिए

  • बोवाईन प्रजनकों, विक्रेताओं तथा खरीददारों के लिए वन स्‍टाप पोर्टल
  • ज्ञात आनुवांशिक गुणता के साथ रोगमुक्‍त जर्मप्‍लाज्‍म की उपलब्‍धता
  • बिचौलिए की भागीदारी को कम से कम करना।
  • नकुल स्‍वास्‍थ्‍य पत्र से केवल टैंग किए गए पशुओं की बिक्री।
  • देश में विविध देशी बोवाईन नस्‍लों का परिरक्षण।
  • किसानों की आय में वृद्धि।
  • वैब पोर्टल को खोलने पर किसान जीवित पशु, वीर्य तथा भ्रूण के विकल्‍प को चुन सकता है, ब्‍यौरे की तुलना कर सकता है, पूरी सूचना दे सकता है तथा अपनी स्‍थान पर पशु की डिलीवरी लेने के लिए आनलाइन पैसा अदा कर सकता है।

सरकार: केंद्र/राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए

  • वास्‍तविक समय में अधिक परदर्शीता के साथ कार्यक्रम का निरीक्षण।
  • विभिन्‍न मदो की मांग और आपूर्ति संबंधी स्थिति।
  • सृजित हुई रिपोर्टों की मॉनीटिरिंग तथा मूल्‍यांकन।
  • प्रजननक निर्देशिका
  • सार्वजनिक तथा निजी दोनो सेक्‍टर की सेवाओं के लिए भंडार तथा एकत्रकर्ता।
  • निर्णयों के लिए साक्ष्‍य आधारित नीतिगत सहायक सूचना।
  • राष्‍ट्र के लिए उत्‍पादन योजना का पूर्वानुमान तैयार करना तथा उसे लक्षित करना।
  • लक्षित आनुवांशिक विकास।
  • अवसंरचना तथा शिक्षा की आवश्‍यकता का आकलन करना।
  • डाटा मानिंग तथा तथा विशलेषण  का प्रयोग करते हुए वैश्विक मान्‍यता।
  • सभी स्‍तरों पर क्षमता निर्माण

वेबसाइट के लिए http://www.epashuhaat.gov.in

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