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श्रीमहाकाल की “कार्तिक-अगहन” मास की आज पहली सवारी निकली, चार सवारी और

भगवान श्री महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी आज धूम-धाम से निकली। सभा-मंडप से पूजन पश्चात माँ क्षिप्रा के तट पहुंची औऱ श्री महाकाल का मां क्षिप्रा के जल से जलाभिषेक व पूजन अर्चन किया गया।
कार्तिक-अगहन मास में श्री महाकाल की चार सवारियां निकलती हैं जिनमें से पहली सवारी आज निकली। दूसरी सवारी छह नवंबर को और तीसरी वैकुंठ चतुर्दशी को निकलेगी। चौथी सवारी 11 नवंबर और पांचवीं 21 नवंबर को निकाली जाएगी। वर्ष के बारह मासों में से तीन मास पूजन-अर्चन व आध्यामिक दृष्टि से विशेष महत्व के बताए गए हैं। ये वैशाख, कार्तिक और श्रावण मास हैं। कार्तिक मास अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व का है जिसमें वैकुंठी चतुर्दशी व देव उठनी ग्यारस और कार्तिक पूर्णिमा आदि आते हैं। p
पालकी के मंदिर द्वार पर आते ही सशस्त्र सलामी दी गई. सवारी मार्ग में सबसे आगे उदघोषक, घुड़सवार दल, पुलिस बैंड, मन्दिर ध्वज, झांझ व मंजीरे बजाते श्रद्धालुओ की टोली चल रह थी. मां क्षिप्रा के तट पर जलाभिषेक, पूजन पश्चात सवारी अपने परंपरागत मार्ग गणगौर दरवाजा, छत्री चौक गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार से होते हुए पुनः सभा-मंडप पंहुची. पुलिस अधीक्षक, प्रशासक संदीप सोनी, ADM संतोष टैगोर , वरिष्ठ पुसिस अधिकारीगण आदि ने पूरे मार्ग सवारी के साथ पैदल भ्रमण किया. पूरे मार्ग पर श्रेष्ठ स्वच्छता, अनुकूल बेर्रीकडिंग, सुरक्षा आदि की चाक चौबंद व्यवस्था थी.
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