शिव पुराण-कथा वाचकों की शरण में नेताजी, जनता तक पहुंचने का नया रास्ता

विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इन दिनों भाजपा-कांग्रेस में टिकट के दावेदार जनता तक पहुंचने के लिए आस्था का सहारा ले रहे हैं। शिव पुराण और कथा वाचकों के माध्यम से नेताजी जनता में अपना प्रचार करने का तरीका तलाश रहे हैं। इन दिनों ऐसे शिव पुराण व कथा वाचकों की मांग बढ़ गई है। आपको बताते हैं किसकी कितनी मांग।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं और इसके लिए हिंदू मतदाताओं तक पहुंचने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ के दावेदारों ने सीधे उन तक पहुंचने की बजाय अब दूसरा रास्ता तलाश लिया है। ये हिंदुओं की आस्था को उभारते हुए उन तक पहुंचने की कोशिश में जुट गए हैं। ऐसा करने वालों में केवल भाजपा ही नहीं अब कांग्रेस के नेता भी उतनी ही जोर-शोर के साथ मैदान में उतर आए हैं। नेताओं की इस मांग को पूरा करने के लिए शिव पुराण, भागवत और कथा वाचकों की बन आई है। इसमें अभी सबसे चर्चित बागेश्वर धाम-प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले हैं लेकिन नेताओं को आशीर्वाद दे रहे पंडोखर महाराज, रावतपुरा सरकार के नाम भी शामिल हैं तो कनकेश्वरी का नाम भी जुड़ गया है।

विवादों से नाते फिर भी डिमांड में आगे
छतरपुर जिले के गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों ने भीड़ जुटाने में सबसे ज्यादा आगे हैं। उनकी कथा व दरबार में शामिल होने के लिए पंडाल छोटे पड़ने लगे हैं जबकि वे हमेशा विवादों में रहते आए हैं। इन विवादों को लेकर वे कहते भी हैं कि हाथी चले बाजार में, कुत्ते भौंके हजार में। उनकी मांग को देखते हुए पिछले दिनों सागर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में कथा का आयोजन किया गया जिसमें गोविंद सिंह राजपूत पर्दे के पीछे रहे। राजपूत चुनाव के पहले लगातार कई कथा वाचकों की कथाएं करने का प्रोग्राम भी बना रहे हैं। बागेश्वर धाम ने पिछले दिनों विदिशा और जबलपुर के पनागर में भी दरबार व कथा की थी। पनागर में बागेश्वर धाम को विधायक सुशील तिवारी ले गए थे।


प्रदीप मिश्रा उज्जैन के बाद भोपाल में

महाशिव पुराण करने वाले प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे ही भारी समर्थकों वाले हैं। मिश्रा धार्मिक टीवी चैनल के माध्यम से चर्चा में आए थे लेकिन पिछले दिनों रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालुजनों की भीड़ उमड़ने के बाद निरस्त किए गए कार्यक्रम की वजह से वे बेहद सुर्खियों में आए थे। उनके कई नेता अनुयायी हैं जो उनके कार्यक्रमों में जाते हैं। प्रदीप मिश्रा ने पिछले दिनों उज्जैन में महाशिव पुराण कथा की थी और अब उन्हें भोपाल में विश्वास सारंग लेकर आ रहे हैं।

पंडोखर-रावतपुरा सरकार के पुराने अनुयायी
ग्वालियर-चंबल के दो महाराज पंडोखर और रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार काफी समय से चर्चा में हैं जिनके कई नेता अनुयायी भी हैं। पंडोखर महाराज भी पर्ची निकालकर उनके पास आने वाले व्यक्ति की समस्या के बारे में बताने का दावा करते हैं तो रावतपुरा सरकार अपने अनुयायियों को इस तरह पर्ची निकालकर या अन्य माध्यम से नहीं बल्कि आशीर्वाद के साथ सलाह देकर संतुष्ट करते हैं। इन दोनों महाराजों में कुछ नेताओं की बेहद आस्था है और उन्हें चुनाव के पहले अपने यहां लाकर आशीर्वाद लेते रहे हैं।

विंध्य में भी कथा की बहार
विंध्य में भी इस बार नेताओं को धार्मिक मोड पर देखा गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने वहां कथा आयोजन किया और अंतिम दिन भंडार किया। इस कड़ी में वहीं से आने वाले पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी कहां पीछे रहने वाले थे, उन्होने वैसा ही आयोजन कर दिया।

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