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शिवराज सरकार के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास, विधानसभा में बुधवार को 51 आरोपों पर चर्चा

मध्य प्रदेश में चौथी बार सरकार संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एकबार फिर अविश्वास प्रस्ताव आया है जिसे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने स्वीकार करते हुए बुधवार को विधानसभा में इस पर चर्चा का समय तय किया है। इसके पहले मध्य प्रदेश में 28 बार विभिन्न सरकारों के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है जिसमें सबसे ज्यादा अर्जुन सिंह ने पांच बार इनका सामना किया है।
शिवराज सरकार के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कांग्रेस विधायक दल की ओर से पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसमें सोमवार को 51 मुद्दों के आरोपों का आरोप पत्र विधानसभा अध्यक्ष गौतम को सौंपा गया था। विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करते हुए उसे नियम प्रक्रिया के अंतर्गत पाया और उसे बुधवार की कार्यसूची में शामिल करने की व्यवस्था दी है।
विधायकों को सौंपी गई अलग-अलग जिम्मेदारी
कांग्रेस विधायक दल को नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव में शामिल आरोपों को विभागवार बांटा है और उन पर तैयारी कर सदन के भीतर सरकार को घेरने की जिम्मेदारी दी है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को खनिज से जुड़े मुद्दों पर शिवराज सरकार की घेराबंदी की जिम्मेदारी रहेगी तो किसानों के मुद्दे पर सचिन यादव शिवराज सरकार को घेरेंगे। इसी तरह अलग-अलग विषयों को विधायकों को दिया गया है।
28वां अविश्वास प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के इतिहास में विभिन्न सरकारों के खिलाफ अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जा चुके हैं और यह 28वां अविश्वास प्रस्ताव होगा। कैलाशनाथ काटजू के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे ज्यादा पांच दिन तक चर्चा हुई थी तो द्वारकाप्रसाद मिश्र व शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्तावों पर चार-चार दिन चर्चा हो चुकी है। द्वारकाप्रसाद मिश्र के खिलाफ चार बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए जिसमें से दो बार चार-चार दिन तक चर्चा हुई।
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