मुख्यमंत्री बनने के बाद से शिवराज सिंह चौहान खेती को लाभ का धंदा बना रहे थे, नतीजा सब के सामने है. खेती उन्ही लोगों के लिए लाभ का धंदा बन पाई है जो अपनी काली कमाई को खेती से होना बताते है.
मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से सभी 51 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू किया जा रहा है। इस काले कानून के तहत के किसी भी जिले के कलेक्टर को अनेको अधिकार ऐसे मिल जाएगे जिसके तहत लोकतान्त्रिक अधिकारों की पूर्ण हत्या हो जाती है
कोई भी कलेक्टर किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आदेश, अस्पष्ट आदेश, असंगत आदेश या ऐसा आदेश जिसका उस व्यक्ति से कोई निकटतम सम्बन्ध नहीं है या किसी भी कारण के आदेश से गिरफ्तार कर सकता है। गिरफ्तार व्यक्ति को प्रदेश में किसी भी स्थान पर रखा जा सकता है या प्रदेश के बाहर अन्य किसी राज्य में कहीं भी रखा जा सकता है |
इसी काले कानून के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा 24 घंटे का चेतावनी उपवास प्रदेश संयोजक श्री आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में प्रारम्भ किया गया। इस उपवास का प्रारम्भ भोपाल के बोर्ड आफिस चौराहे में किया गया। इस काले कानून के खिलाफ श्री आलोक अग्रवाल समेत 20 साथियो ने उपवास प्रारम्भ किया और सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने भाग लिया। इस दौरान रासुका को लेकर जनता के बीच हजारों पर्चो से जागृत किया गया।
अभी तक सब से ज्यादा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में किसानों ने की आत्महत्या …
19 दिन में 40 खुदकुशी
सीहोर में 9
बड़वानी में 4
धार-3
होशंगाबाद में 3
रतलाम में 2
विदिशा में 2
बालाघाट में 2
छतरपुर में 2
पन्ना में 2
रायसेन में 1
हरदा में 1
शिवपुरी में 1
छिंदवाड़ा में 1
टीकमगढ़ में-1
नीमच में 1
इंदौर में-1
देवास में-1
खंडवा में-1
मुरैना में-1
मन्दसौर में-1
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