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शहरीकरण-नगरीय प्रबंधन में रियल एस्टेट क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण: डिसा
म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) अध्यक्ष अंटोनी डिसा ने कहा कि आने वाले दिनों में शहरीकरण की गति बढ़ने के फलस्वरूप उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में नगरीय प्रबंधन में रियल एस्टेट क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य से मध्यप्रदेश में बेहतर नगरीय प्रबंधन के लिये रियल एस्टेट नीति तैयार की गई है। डिसा आज लखनऊ में “प्रथम राष्ट्रीय रेरा कॉन्क्लेव-2019” को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्क्लेव रेरा उत्तरप्रदेश राज्य ने आयोजित किया है।
डिसा ने कहा कि बेहतर नगरीय प्रबंधन में योगदान को ध्यान में रखते हुए रेरा मध्यप्रदेश ने शासन के नगरीय विकास विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के लिये एक रियल एस्टेट नीति तैयार की है। इसमें कई दूरदर्शी तथा सकारात्मक प्रावधानों को जोड़ा गया है। उन्होंने मध्यप्रदेश में रेरा एक्ट के बेहतर क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश रेरा में सूचना संचार तकनीक के उपयोग में न केवल उद्देश्य को पूर्ण किया है बल्कि वह उससे भी आगे बड़ा है। उन्होंने कहा कि रेरा के कार्यो में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये सबसे पहले मध्यप्रदेश रेरा ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया। वर्तमान में देश के अनेक राज्यों की रेरा प्राधिकरण के सॉफ्टवेयर इसी पर बेस्ड है। रेरा अध्यक्ष ने कहा यह तकनीक सुधार लाने और रियल एस्टेट सेक्टर में व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने में मदद़गार है। मध्यप्रदेश में रेरा की कार्य-प्रणाली में इस तकनीक के उपयोग के अच्छे परिणाम भी मिले हैं।
रेरा अध्यक्ष श्री डिसा ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिये एक कारगर रणनीति की जरूरत हैं। इससे इस क्षेत्र में निकट भविष्य में समस्याओं के सकारात्मक हल भी निकलेंगे। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार में योगदान देने वाला महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट आवासीय क्षेत्र की सफलता की चाबी है। रेरा एक्ट नागरिक केन्द्रित तो है परन्तु यह बिल्डरों के विरूद्ध नहीं है। इसके आने से रियल एस्टेट क्षेत्र में नया परिवर्तन आया है। श्री डिसा ने कहा कि घर खरीदारों को रेरा एक्ट के प्रति जागरूक किये बिना मंशा पूरी नही हो सकती।
रेरा अध्यक्ष द्वारा रेरा एक्ट को सशक्त बनाने पर बल-
कॉन्क्लेव में रेरा अध्यक्ष श्री ॲन्टोनी डिसा ने रेरा एक्ट को सशक्त बनाने के लिये कई संशोधनों की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष जाने वाले दिवालिया प्रकरणों में आवंटियों के हितों के संरक्षण हेतु रेरा के साथ जरूरत भी बतायी।
दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय रेरा कॉन्क्लेव के पाँच सत्रों में रियल एस्टेट सेक्टर की चुनौतियों, रेरा एक्ट को मजबूत करने के लिये शक्तियां देने, रेरा कानून को नई दिशा देने के लिये नियमों और अधिनियम में आवश्यक बदलाव, रेरा और अन्य सरकारी तंत्रों के बीच सांमजस्य, घर खरीदारों तथा संप्रवर्तक मामलों आदि बिन्दुओं पर गहन विचार-विर्मश किया गया।
कॉन्क्लेव में रेरा राज्यों के चेयरपर्सन, नीति निर्माताओं, होमबॉयर्स, प्रमोटर, डेवलपर्स, राज्यों के विकास प्राधिकरण, वित्तीय संस्थानों, सरकारी एजेंसियों, कानूनी विशेषज्ञों सहित अनेक हितधारकों ने भाग लिया।
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