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व्यापम के पांच आरोपियों को सात-सात की सश्रम कारावास की सजा

सीबीआई व्यापम के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के मामले में पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन आरोपियों को सात-सात की सजा और दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड किया है।
भोपाल एसटीएफ के 2015 के मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती गड़बड़ी में सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने पूरक अभियोग पत्र पेश किया था जिसमें विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया है। सीबीआई के लोक अभियोजक मनुजी उपाध्याय के अनुसार व्यापम द्वारा वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा सात अप्रैल 2013 को आयोजित हुई थी। इसमें चार परीक्षार्थियों कमल किशोर, अमर सिंह, नागेंद्र सिंह तथा सुरेश सिंह ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाकर लिखित परीक्षा पास की थी। इसमें उन्होंने द्लालो औऱ मध्यस्थों की मिलीभगत से दूसरे लोगों से परीक्षा दिलाकर पास की। नागेंद्र सिंह के स्थान पर रवि कुमार राजपूत ने परीक्षा दी थी। विशेष न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 32 गवाहों को सुना औऱ 220 दस्तावेज व 19 आर्टिकल के आधार पर फैसला सुनाया कि चार परीक्षार्थियों कमल किशोर, अमर सिंह, नागेंद्र सिंह तथा सुरेश सिंह तथा एक प्रतिरूपक रवि कुमार दोषी हैं। इन सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष कठोर कारावास तथा अर्थ दंड भी दण्डित किया है।
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