उद्दंड हवाई यात्रियों की यात्रा पर अब आजीवन प्रतिबंध भी लग सकता है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहली बार एक नो फ्लाई नियम जारी किए हैं जिसके तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में किसी की हवाई यात्रा पर आजीवन प्रतिबंध भी लग सकता है. नए नियम आज से ही लागू हो गए हैं.
ज़्यादा दिन पहले की बात नहीं है जब शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ ने अपनी हवाई यात्रा के दौरान एयर इंडिया के कर्मचारियों को गालियां देने के साथ साथ उनकी पिटाई भी कर दी थी. पूरे देश में हंगामें के बाद उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा लेकिन कुछ ही दिन बाद वो प्रतिबंध हटा लिया गया. लेकिन अब ऐसा करने पर उनकी यात्रा पर 6 महीने का प्रतिबंध लग सकता है.
क्या हैं नियम ?
नय नियम के मुताबिक़ यात्रियों के ग़लत व्यवहार को तीन वर्गों में बांटा गया है और उसी हिसाब से उड़ान पर पाबंदी का समय तय किया गया है. पहले किस्म के गलत व्यवहार में मौखिक या गाली गलौज करना शामिल है. ऐसी ग़लती की वजह से तीन महीने तक उड़ान पर रोक लगाने का प्रावधान है.
दूसरे में, धक्का देना, लात मारना और यौन शोषण जैसे शारीरिक अपराध शामिल हैं. इसके चलते छह महीने तक उड़ान पर रोक लगाने का प्रावधान रखा गया है लेकिन तीसरे किस्म के गलत व्यवहार में विमानकर्मियों की जान को खतरा या विमान को नुकसान करने से जुड़े व्यवहार शामिल किए हैं. इस अपराध के लिए कम से कम दो साल का प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है.
अपराध तय करने का अधिकार एक कमेटी को दिया गया है जो एक रिटायर्ड ज़िला जज के अधीन काम करेगी. कमिटी 30 दिनों में अपना फ़ैसला सुनाएगी. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि अगर कमिटी को ज़ुर्म असाधारण लगे तो वो किसी यात्री पर आजीवन प्रतिबंध भी लगा सकती है.
फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील का अधिकार
फैसले के खिलाफ प्रभावित यात्री सरकार की ओर से हाईकोर्ट के रिटार्यड जज की अध्यक्षता में गठित एक कमिटी के सामने अपील कर सकता है. यहां ये बताना ज़रूरी है कि ये नियम केवल विमान में सवार यात्रियों पर ही लागू होंगे ना कि एयरपोर्ट या विमान के बाहर किसी और जगह पर . ऐसे प्रतिबंधित यात्रियों की सूची नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( डीजीसीए ) की वेबसाइट पर सार्वजनिक रहेगी .
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