विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के ऐलान के साथ पार्टियों में भगदड़, कांग्रेस सूची आने के बाद बागी ‘सुर’

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों में बागी सुर तेज हो गए हैं। कांग्रेस में रविवार को 144 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद कई सीटों पर बागियों ने तेवर दिखाते हुए इस्तीफे दे दिए और कुछ ने दूसरी पार्टियों का दामन थामकर कांग्रेस को सबक सिखाने की चुनौती तक दे डाली है। भाजपा में अभी भी बगावत थमी नहीं है। पढ़िये रिपोर्ट।

विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को 144 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी की तो रात होते-होते बागी सुर धीरे-धीरे तेज होने लगे और सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने कई कांग्रेस नेता विभिन्न स्थानों से अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ पहुंचने लगे। बगावत करने वालों में पूर्व विधायक नागौद के यादवेंद्र सिंह ने तो बसपा का दामन थामकर कमलनाथ को सबक सिखाने का बयान तक दे डाला। उनके समर्थन में कुछ स्थानीय नेताओं ने इस्तीफे दे दिए। विंध्य में ही शहडोल के जैतपुर में अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ सोमवार को पूर्व जनपद अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा को ज्वाइन कर लिया। ग्वालियर में ग्रामीण के प्रत्याशी साहब सिंह गुर्जर के खिलाफ कल्याण सिंह और केदार सिंह के इस्तीफे हो गए तो दतिया में प्रत्याशी अवधेश नायक के खिलाफ पार्टी नेताओं ने विरोध किया। शिवपुरी में भाजपा से आए पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी को टिकट नहीं दिए जाने पर कमलनाथ को उनके बंगले पर पहुंचे नेताओं को सफाई देना पड़ी और कहना पड़ा कि इसके लिए दिग्विजय सिंह व केपी सिंह जिम्मेदार हैं।
बागी तेवर बुंदेलखंड-मालवा में ज्यादा
वहीं, बुंदेलखंड में बागियों में सबसे पहली बगावत टीकमगढ़ की खरगापुर सीट से दावेदारी कर रहे कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव ने की। उऩ्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर सोमवार से न्याय यात्रा शुरू कर दी है। छतरपुर जिले के बिजावर में कुंवर विक्रम सिंह को टिकट दिए जाने पर सेवादल के राजेश शर्मा ने इस्तीफा दे दिया तो पूर्व विधायक शंकरप्रताप सिंह बुंदेला के पुत्र व जिला उपाध्यक्ष सिद्धार्थ ने भी सोमवार को इस्तीफा कमलनाथ को भेज दिया। सागर की नरयावली में इसी तरह विरोध के स्वर सुनाई दिए तो दमोह में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ शारदा खटीक ने इस्तीफा दे दिया है। मालवा में भी कुछ इसी तरह के बगावत के दृश्य उपस्थित हुए। इंदौर की चार नंबर सीट के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया तो उन्हें नोटिस थमाने का सिलसिला शुरू हो गया। इंदौर में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू आलोट से टिकट नहीं दिए जाने के खिलाफ बागी हो गए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने उनकी बेटी रीना बौरासी को सांवेर से टिकट दिया है। उधर, उज्जैन में माया त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोधियों ने संगठन में विरोध दर्ज कराया है। मालवा के एक अन्य नेता और धार से पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
टिकट काटे जाने के बाद भाजपा से बागी हुए
गाडरवारा से भाजपा से टिकट मांग रहे पूर्व विधायक और जिला पंचायत सदस्य गौतम पटेल सोमवार को पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ कई जनपद उपाध्यक्ष और जनपद सदस्य भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी के नेता महेंद्र बौद्ध ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया। भाजपा से कांग्रेस में आए सुरखी विधानसभा में प्रत्याशी बनाए गए नीरज शर्मा के साथ नगर परिषद के 20 में से 15 पार्षद कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

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