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विदिशा में 1965 से ज्यादा भयानक बाढ़ बनीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों लगातार तीन दिन तक हुई बारिश से बेतवा और अन्य नदियों में बढ़े जलस्तर को लेकर कहा कि विदिशा में 1965 में जिस तरह बाढ़ आई थी, उससे भी कहीं विकराल रूप में इस बार बाढ़ की स्थिति बनी। वे विदिशा को काफी समय से देख रहे हैं लेकिन ऐसी बाढ़ पहले कभी नहीं देखी। लोगों ने बताया कि 1965 में जिस तरह बाढ़ आई थी, उससे भी कहीं ज्यादा भयानक स्थिति इस बार बनी है।
मुख्यमंत्री ने विदिशा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि पानी अभी उतरना शुरू हुआ है, पूरा खाली होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। कल भी बासौदा में उतरकर रेस्क्यू ऑपरेशन में वे सम्मिलित हुए थे। बिरसा के आसपास भी देखा था, कुरवाई भी गए थे। राजगढ़-गुना भी हालात देखने गए थे। आज भी वे कुरवाई से होकर मुरैना जा रहे हैं। मगर तत्काल आने पर कई बार स्थिति पूरी सामने नहीं आती, अब पानी जैसे ही उतरेगा सबसे पहली आवश्यकता है जो सिल्ट जमेगी, उसकी माटी में कुछ चीजें सड़ गई होंगी उनकी बदबू के कारण कई तरह की बीमारियों का खतरा होगा। इसलिए आज भी भोपाल में मीटिंग करके सारे डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और एडिशनल सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेट्री को बुलाकर निर्देश दिए हैं कि यहां जितने लोगों की जरूरत हो अलग-अलग डिपार्टमेंट में एक शहर और गांव यहां से सिल्ट हटाएं। अनाज सड़ रहा होगा, कहीं और कई तरीके की चीजें होंगी, सफाई का अभियान चलाया जाए। पूरी कोशिश कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। जनता ने जनप्रतिनिधियों ने और प्रशासन ने ऊपर से लेकर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर से लेकर नीचे तक पहुंचे हैं। पुलिस के साथी हो, होमगार्ड के जवान हो, हमने सेना के हेलीकॉप्टर भी बुलवाए। पहली प्राथमिकता थी लोगों की जिंदगी बचे। चौहान ने संतोष व्यक्त किया कि रेस्क्यू करके कई लोगों को बाहर निकाला, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने जनता के लोगों व जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम किया।
इंफ्रास्ट्रक्चर के काम बाकी हैं
सीएम चौहान ने कहा कि अभी इंफ्रास्ट्रक्चर व बाकी अनेकों प्रकार के काम करना है। अब उन कामों को करना है। केवल विदिशा नहीं कुरवाई, मुरैना, भिंड भी वे जाएंगे। कल राजगढ़, गुना, रायसेन गए थे। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि दिक्कत और संकट है, लेकिन वे और सरकार साथ खड़ी है। युद्ध स्तर पर सारी व्यवस्थाएं बहाल की जाएंगी और राहत के भी बेहतर से बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।
सर्वे कर नुकसान का आकलन होगा
चौहान ने कहा कि अब सर्वे प्रारंभ किया जाएगा। जिसका जो नुकसान हुआ है, जिनकी फसलें डूबी हैं, सभी का सर्वे होगा। मकानों का सर्वे होगा। अगर पशु बह गए हैं तो उसका भी सर्वे होगा। जनता के नुकसान की भरपाई की जाएगी। सर्वे में पंचनामा भी बनाया जाएगा। पूरी सूची चिपकाई जाएगी। आरबीसी 6-4 के नियम के अंतर्गत नुकसान की भरपाई की जाएगी। फसल बीमा योजना का पैसा अलग मिलेगा। कच्चे, सेमी कच्चे और पक्के मकानों की जो क्षति हुई है उसका भी सर्वे कराया जाएगा।
सबसे पहले सफाई फिर पेयजल सप्लाई बहाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पहली चीज सफाई, दूसरी चीज पेयजल की सप्लाई, क्योंकि जो पानी का फिल्टर प्लांट है वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, डूबा है तो जैसे ही पानी उतरता है टीमें लगा के ग्रामीण क्षेत्रों में जल नल योजनाएं बंद होंगी उनको चालू कराया जाएगा। फिर पानी के शुद्धिकरण के लिए जो अलग-अलग दवाइयां डालते हैं वह डलवाई जाएगी। जिससे बीमारी फैलने का खतरा ना हो। उसके बाद बिजली की व्यवस्था को बहाल किया जाएगा क्योंकि बिजली को बहुत सावधानी से चालू करते हैं। अगर पानी में करंट आ गया तो उससे जिंदगियां खतरे में पड़ती है तो इसलिए बिजली विभाग जुटेगा पानी उतरते ही बिजली की व्यवस्था को ठीक करने में, सब स्टेशन ट्रांसफार्मर डूब गए, खंभे गिर गए, कई तरीके की चीजें हुई हैं।
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