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सभी घाट का पानी पीने के बाद अब नारायण त्रिपाठी का विंध्य के नाम पर नया दांव, ऐसे करेंगे दो-दो हाथ

कभी समाजवादी पार्टी तो कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा से चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे नारायण त्रिपाठी का नया दांव विंध्य प्रदेश का है। वे मौजूदा सात जिलों को अलग कर विंध्य प्रदेश बनाने के लिए अब राजनीति में दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहे हैं। आज उन्होंने खबर सबकी से चर्चा की तो अपना प्लान शेयर किया। आपको बता रहे हैं त्रिपाठी का आगे के राजनीतिक सफर की प्लानिंग।
नारायण त्रिपाठी सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। त्रिपाठी चार बार के विधायक हैं लेकिन वे जिस समाजवादी पार्टी से राजनीति में उतरे थे, उससे विधायक बनने के बाद कांग्रेस में पहुंच गए थे। कांग्रेस से एक बार विधायक बने और वहां से बीच में ही पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा में पहुंच गए जहां से उप चुनाव जीतकर विधायक बने। 2018 में फिर भाजपा के टिकट पर चौथी बार विधानसभा सदस्य चुने गए लेकिन अब वे भाजपा में भी रहते हुए कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान देने लगे हैं। कमलनाथ सरकार के समय उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया था लेकिन इस बीच सरकार गिरने से वे जहां थे वहीं बने रहे।
विंध्य प्रदेश के नाम पर राजनीतिक दल बनाने की तैयारी
मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस और सपा से विधायक बन जाने के बाद अब उनका मोह इन पार्टियों से भी हो चला है। मगर इस बार राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि विंध्य प्रदेश के नाम पर नारायण त्रिपाठी एक नया दल बनाने का विचार बना रहे हैं। हालांकि वे बातचीत में यह जरूर कहते हैं कि भाजपा अगर विंध्य प्रदेश के लिए खुलकर कुछ कहती है तो वे अभी भी राजनीतिक दल बनाकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारने के बारे में पुनर्विचार कर सकते हैं। अगर ऐसा कुछ नहीं हुआ तो वे दावे के साथ कहते हैं कि अगले महीने वे भोपाल में नई पार्टी बनाने का ऐलान करेंगे और विंध्य के सभी सात जिलों में 30 विधानसभा और पांच लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशी उतारेंगे।
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