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वादे हैं वादों का क्याः किसानों से चुनाव में किए गए वादों पर आमने-सामने शिवराज और कमलनाथ

विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा और कांग्रेस ने तमाम वर्गों से वादे किए थे लेकिन आज उनमें से कितने वादे पूरे हुए और कितने नहीं, यह सवाल प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के सामने है। चार साल में दोनों ही दलों की सरकारों को जनता ने देखा है। अब दोनों ही दलों के प्रमुख नेता खुद ही एक-दूसरे के वादों को याद कराकर एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों इन वादों को पूरा नहीं किया। जनता के लिए इससे अच्छा और क्या होगा कि उसके सामने दोनों ही दलों के वादों का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। आईए आज दोनों दल किस वादे पर आमने-सामने आए, आपको बताते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस की सवा साल सरकार के मुखिया रहे कमलनाथ से किसानों की सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वालंबन किसान योजना पर सवाल किया है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों में वादा किया था कि वे सरदार वल्लभ भाई पटेल किसान स्वालंबन योजना शुरू करेंगे। किसान के शिक्षित बेरोजगारों को इससे जोड़ेंगे और रियायती ब्याज पर बैंकों से पांच साल के लिए ऋण उपलब्ध कराएंगे। साथ ही बिजली में कृषि उपयोग में 25 फीसदी की छूट, सिंचाई कर में छूट और उपज के विक्रय की स्वतंत्रता और मंडी कर में छूट का वादा किया था। उन्होंने सवा साल सरकार में रहकर भी किसान स्वालंबन योजना क्यों लागू नहीं की। यह मेरा ही नहीं किसान भी यह सवाल पूछ रहा है।
कमलनाथ ने भी भाजपा की किसान स्वालंबन योजना की याद दिलाई
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम चौहान के सवाल का पलटवार सवाल से ही किया। उन्होंने सीएम को कहा कि आपकी जुबान झूठ का साथ नहीं दे रही है और सवाल पूछते समय लड़खड़ा रही थी। उन्होंने भी भाजपा के दृष्टि पत्र में लघु किसान स्वालंबन योजना का हवाला देते हुए सीएम से सवाल किया है कि उसमें किसान को समानुपातिक बोनस देने का वादा किया था। उस योजना को लागू क्यों नहीं किया और किसान को बोनस क्यों नहीं दिया।
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