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रेलवे के सस्पेंड कर्मचारी घनश्याम राजपूत को जेल, रोहित नगर सोसाइटी गड़बड़ी का CBI केस

भोपाल की रोहित नगर सोसाइटी में 137 फर्जी रजिस्ट्री के मामले में सीबीआई द्वारा पकड़े गए रेलवे की सस्पेंड कर्मचारी घनश्याम राजपूत को जेल हो गई है. राजपूत के साथ उनकी पत्नी को भी जेल भेज दिया है.
भू माफ़िया घनश्याम राजपूत को CBI की विशेष अदालत ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है ! अदालत के आदेश के बाद घनश्याम राजपूत को हिरासत में लेकर उसे जेल भे घनश्याम राजपूत रेलवे में क्लर्क था. 2007 में सीबीआई ने राजपूत के घर से रोहित सोसाइटी की 137 बेनामी संपत्ति के दस्तावेज जप्त किए थे जिसके बाद में रेलवे से सस्पेंड हो गया था.
यह है पूरा मामला
प्रकरण में आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत, तत्कालीन हेड क्लर्क, कार्यालय वाणिज्यिक मण्डल प्रबंधक, पश्चिम- मध्य रेल्वे,भोपाल,मध्यप्रदेश को व उसकी पत्नी श्रीमती सन्ध्यासिंह को दोषसिद्ध घोषित किया । सीबीआई के लोक अभियोजक मनफूल बिश्नोई ने बताया कि सन्क्षेप तथ्य इस प्रकार हैं ,
सीबीआई एसीबी भोपाल के द्वारा सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर 28/02/2007 को आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत के विरूद्घ उसकी आय से अधिक संपत्ति रखने/ बनाने के संबंध में प्रकरण पन्जीबद किया गया था ।आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत ने रेलवे विभाग के 26/09/1995 से 01/03/2007 की अवधि में वरिष्ठ लिपिक व मुख्य लिपिक के पद पर डी आर. एम.,कार्यालय झान्सी व डी.आर.एम., कार्यालय भोपाल में पदस्थ रहते हुए उसके वैध ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति बनाई।
सीबीआई ने अनुसन्धान के उपरांत प्रकरण में आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत को वैध ज्ञात स्रोत से अनुपातहीन सम्पत्ति बनाने का दोषी मानते हुए ,तथा उसकी पत्नी श्रीमती सन्ध्यासिंह को भी उक्त अपराध के लिए दुष्प्रेरण का दोषी मानते हुए न्यायालय विशेष न्यायाधीश सीबीआई भोपाल के समक्ष वर्ष 2008 में आरोप पत्र पत्र प्रस्तुत किया ।
आरोप पत्र के समर्थन में अभियोजन की ओर से 60 गवाहों को परीक्षित करवाया गया था और बचाव पक्ष की ओर से 08 गवाहों को परीक्षित करवाया गया था. आज न्यायालय ने आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत व उसकी पत्नी को उनकी वैध आय से ज्ञात स्रोत सेअधिक संपत्ति रखने/बनाने का दोषी माना ।
न्यायालय ने आरोपी घनश्याम सिंह राजपूत को धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ई) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के आरोप हेतु 04 वर्ष के कठोर कारावास , 65,00,000 /जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 01 वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई ।आरोपी श्रीमती सन्ध्या सिंह को धारा 109 भारतीय दण्ड संहिता 1860 सहपठित धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ई) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के आरोप हेतु 01 वर्ष के कठोर कारावास , 5,000 /जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 03 माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई ।
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