रिपोर्ट कार्ड तैयार, अब प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रवासी-इनवेस्टर्स समिट के बहाने सीएम का प्रिजेंटेशन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेे मुलाकात है जिसके पर्दे के सामने प्रवासी सम्मेलन-इवेस्टर्स समिट, यूथ गेम्स खेलो इंडिया बताया जा रहा है। मगर वास्तव में इसके लिए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए होने वाली राजनीतिक कवायद बताई जा रही है। इसके लिए पिछले दिनों सीएम ने अपनी सरकार व संगठन की मैराथन बैठकों में तैयारी भी की और इससे तैयार रिपोर्ट कार्ड का पीएम के सामने प्रिजेंटेशन होगा। अब तक क्या हुुआ और आगे क्या राजनीतिक उथल-पुथल होने की संभावना है, इस पर पढ़िये एक रिपोर्ट।

सीएम शिवराज सिंह सोमवार को दिल्ली जाने के प्रोग्राम को लेकर राजनीतिक कयास भी शुरू हो गए हैं। दिल्ली के प्रवास को कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ सीएम की इंदौर में होने वाले प्रवासी सम्मेलन, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और मध्य प्रदेश सरकार के इनवेस्टर्स समिट आयोजनों पर चर्चा होगी लेकिन भोपाल में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद सीएम की मंत्रियो-विधायकों और संगठन के साथ हुई बैठकों को उनकी दिल्ली यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम की भोपाल में हुई बैठकों में मंत्रियों-विधायकों के रिपोर्ट कार्ड तैयार होने की चर्चा है और उसके आधार विधानसभा चुनाव 2023 के पहले कठोर निर्णय लेने की दिशा में पीएम के साथ इस बैठक से इसकी शुरुआत माना जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश जैसे हालात से बचाव की चिंता
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। मध्य प्रदेश में गुजरात जैसी राजनीतिक ताकत नरेंद्र मोदी-अमित शाह नहीं है जिसके कारण यहां हिमाचल प्रदेश जैसे हालात बन सकते हैं। मौजूदा विधायकों में से करीब 50 फीसदी टिकट काटे जाने पर उत्पन्न होने वाली बगावत की स्थिति से निपटने के लिए संगठन या सरकार में शिवराज सिंह चौहान के अलावा सर्वमान्य नेता नहीं है और ऐसी परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश जैसे हालात मध्य प्रदेश में भी पैदा हो सकते हैं। अनुशासन के नाम पर जो कुछ समय पूर्व तक प्रदेश में संगठन नेताओं-कार्यकर्ताओं को शांत कराने में कामयाब हो जाता था, आज संगठन के सामने वैसे अनुशासनबद्ध नेताओं-कार्यकर्ताओं की संख्या कम होने का संकट खड़ा हो गया है।
सिंधिया खेमा निशाने पर….
विधानसभा चुनाव 2023 में सबसे ज्यादा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा निशाने पर माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम से यह स्पष्ट आभास हुआ है जिसमें आयुष्मान कार्ड घोटाले में डॉ. प्रभूराम चौधरी, अनुपातहीन संपत्ति के मामले में गोविंद सिंह राजपूत, सिंचाई परियोजनाओं में गड़बड़ी के मामले में तुलसीराम सिलावट, वायरल वीडियो में महिला के आरोपों में घिरे राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस पर आरोप लगाने वाले महेंद्र सिंह सिसौदिया , विधानसभा कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल के सदस्यों की ओर मारने की नीयत से बढ़ने के आरोपों में घिरे मंत्री ओपीएस भदौरिया शामिल हैं।

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