रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को कमजोर बताया है। लेकिन उन्होंने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अवसर बताया है। रिजर्व बैंक की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद आज श्री राजन ने मुम्बई में कहा कि वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थो की कम कीमतें रिजर्व बैंक के लिए एक अनुकूल माहौल है।
जनवरी 2016 तक छह प्रतिशत मुद्रास्फीति का लक्ष्य हासिल होने की संभावना है। अब वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक मुद्रास्फीति की दर पांच प्रतिशत के आसपास लाने पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। वैश्विक मंदी के कारण कीमतें कुछ समय के लिए स्थिर रहेंगी। कमजोर वैश्विक मांग की स्थिति में बदलाव के लिए और अधिक घरेलू मांग की जरूरत है। ताकि घरेलू निवेश की प्रक्रिया में तेजी आ सके।
श्री राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने अन्य बैंको से भी रिजर्व बैंक के फैसले का लाभ ऋण दरों में उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को कहा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि आज घोषित कटौती दिवाली का उपहार नहीं है, बल्कि वास्तविक विकास पर आधारित है।
कमजोर मॉनसून और ईंधन कीमतों से महंगाई बढ़ने की आशंका की तरफ आगाह करते हुए श्री राजन ने कहा कि आगे भी ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है।
ब्याज दरों में कटौती के अलावा श्री राजन ने वित्तीय बाजार क्षेत्र में भी कई उपायों की घोषणा की।
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