राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना पखवाड़े का रंगारंग समापन, थीम “शास्त्रीय, देशभक्ति एवं लोकनृत्यों की प्रस्तुति”

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रतियोगिताओं का रंगारंग समापन हुआ। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विजय सिंह के मार्गदर्शन में पहले दिन संस्था स्तर पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन “शास्त्रीय, देशभक्ति एवं लोकनृत्यों की प्रस्तुति” की थीम पर किया गया।  

गुजरात के गरबा ने जहां नवरात्रों की याद दिलाई तो वहीं राजस्थान के कालबेलिया नृत्य ने राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेरी। बिहार की छठ पूजा के साथ ही भरतनाट्यम, कत्थक जैसे नृत्यों की प्रस्तुति भी एन एस एस के स्वयंसेवकों ने दी। संस्था स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि डॉ आर एस नरवरिया, जिला संगठक, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा डॉ सुधीर कुमार शर्मा, अतिरिक्त जिला संगठक एवं सुश्री दुर्गा मिश्रा, निदेशक, वर्तिका कल्चरल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, भोपाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सुश्री दुर्गा मिश्रा ने नृत्य का मनुष्य जीवन में महत्व एवं स्वस्थ जीवन की उपलब्धि में उसका योगदान विषय पर भी युवाओं को संबोधित किया। वहीं डॉ सुधीर कुमार शर्मा ने व्यक्तित्व विकास में सांस्कृतिक मूल्यों के योगदान पर तथा श्री नरवरिया ने राष्ट्रीय सेवा योजना की बारीकियों पर युवाओं को संबोधित किया।

वहीं दूसरे दिन अंतर जिला स्तरीय भाषण, पोस्टर मेकिंग एवं नारा लेखन प्रतियोगिता का शुभारंभ रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय बिहार के वर्तमान कुलाधिपति माननीय वी.के. वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया। प्रतियोगिताओं में रायसेन एवं भोपाल जिले के लगभग 15 कॉलेज के एन एस एस स्वयंसेवकों ने सहभागिता की। भाषण प्रतियोगिता “वर्तमान समय में समाज सेवा की आवश्यकता एवं उसमें युवाओं की भूमिका” विषय पर आयोजित की गई। जिसमें लगभग 30 प्रतिभागियों ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। अपने ओजस्वी भाषण एवं प्रेरक उदाहरणों के बूते प्रथम स्थान ईशा पटेल ने प्राप्त किया। ईशा ने कहा कि समाज मनुष्यता की जड़ है। और इस जड़ को जब समाजसेवा रूपी जल से सींचा जाता है तो यह और मजबूत होती है। युवाओं को अपने समाज के हर एक व्यक्ति के दुख- दर्द को दूर करने के लिए अपनी ऊर्जा को निरंतर सकारात्मक कार्यों में लगाते रहना चाहिए। वास्तव में “समाजसेवा में लगी युवा शक्ति ही राष्ट्र निर्माण का आधार होती है।” वहीं दूसरे स्थान पर रहे राजा भोज महाविद्यालय चूना भट्टी भोपाल के छात्र सचिन लोवंशी ने समाजसेवा के क्षेत्र में युवाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। भाषण प्रतियोगिता में तृतीय स्थान रिज़वाना मंसूरी ने प्राप्त किया। इसी तरह “पोषण आहार एवं निरोगी जीवन में महिलाओं की भूमिका” एवं “पूर्ण साक्षर भारत” विषय पर पोस्टर बनाकर एवं नारे लिखकर कुपोषण एवं अशिक्षा  पर जंग जीतने का संदेश दिया। जिनमें   निधि रैकवार, विशाखा, पायल अहिरवार, प्लाक्षा मिश्रा एवं सुखवीर सिंह विजेता रहे।
ज्ञातव्य है कि इससे एक दिन पूर्व संस्था स्तर पर सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था। दोनों ही दिवसों के विजेताओं को पुरस्कृत करने हेतु पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर युवा अधिकारी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार श्री राजकुमार वर्मा,  टैगोर विश्व कला केंद्र के निदेशक श्री विनय उपाध्याय तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया मौजूद रहे। इस अवसर पर श्री वर्मा ने व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाज के बीच जाकर एक आम आदमी के साथ सहज हो जाना व्यक्तित्व विकास की पहली निशानी है। सहजता आपके व्यक्तित्व को निखारती है। वहीं श्री विनय उपाध्याय ने एक अच्छे वक्तव्य की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए निरंतर सीखते रहने और परिश्रम करते रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया ने की । संचालन कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह ने तथा आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ रेखा गुप्ता ने किया।

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