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रायपुर में जिस जगह पर विवेकानंद रूके थे वहां होगा स्मारक का निर्माण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद वर्ष 1877-79 के मध्य छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर में जिस स्थल पर रूके थे, वहां उनका स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो सम्मेलन में विकसित देशों और भारत के मध्य एक सेतु का काम किया, जिसके माध्यम से भारत के पुरातन आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान का प्रसार विदेशों में संभव हो सका।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में आयोजित स्वामी विवेकानंद की शिकागो वक्तृता की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के शिकागो वक्तृता की 125वीं वर्षगांठ और विनोवा भावे की जयंती दोनों का एक साथ होना संयोग की बात है। स्वामी विवेकानंद के मानव सेवा, जीव सेवा, सर्व धर्म सम्भाव के विचारों से हमें सीख लेनी चाहिए तथा स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहिए। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि अलग-अलग धर्म और पंथ की पूजा विधि और रास्ता अलग हो सकता है, लेकिन सभी पहुंचते एक ही स्थान पर हैं। विवेकानंद ने 6 वर्ष तक पूरे भारत में भ्रमण कर विभिन्न क्षेत्रों की भाषा, बोली, संस्कृति, सम्प्रदाय के साथ-साथ देश की गरीबी, भूखमरी, अशिक्षा को देखा। उन्होंने जो व्यक्तिगत अनुभव किया, उन्हीं अनुभव से सीखकर ज्ञान अर्जित किया और मानव सेवा पर ध्यान दिया। श्री बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का विचार था कि गरीब, पीडि़त, बीमार लोगों की सेवा ही नारायण की सेवा है। वर्तमान में हमें विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचार के अनुरूप मानवता की सेवा के लिए आगे आने की जरूरत है।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्वामी आत्मानंद और उनके दो अन्य सहयोगियों ने विवेकानंद के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए विवेकानंद आश्रम रामकृष्ण मिशन संस्था का विकास किया। उन्हीं के प्रयासों से रायपुर, नारायणपुर में संस्था के केन्द्र का विकास हुआ। जो मानव सेवा का कार्य कर रही हैं तथा इन शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधियों में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन नारायणपुर के सचिव श्रीमंत व्यापतानंद महाराज, रामकृष्ण मिशन के सह सचिव श्रीमंत अभ्यात्मानंद, प्रो. ओमप्रकाश वर्मा ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो वक्तृता पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर संस्था के विद्यार्थियों ने भजन, लोक गीत और वेदों का पाठ भी किया। कार्यक्रम में विवेकानंद विद्यापीठ रायपुर के प्राचार्य श्री एच.डी. प्रसाद, श्रीमती रश्मि पटेल सहित बड़ी संख्या में श्रोता, विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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