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राम के वनवास से जुड़े रामपायली में आज सीएम चौहान, हेडगेवार का बाल्यकाल भी यहां बीता

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के रामपायली का भगवान राम के वनवास से नाता है और भगवान राम वनवास के दौरान यहां पहुंचे थे। रामपायली से डॉ. हेडगेवार का भी नाता है क्योंकि उनका बाल्यकाल यहीं गुजरा था। रामपायली हेडगेवार की कर्मभूमि रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रामपायली पहुंचकर वहां राम मंदिर के दर्शन करेंगे औऱ डॉ. हेडगेवार से जुड़ी स्मृतियों का निरीक्षण करेंगे। स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी सीएम ने हेडगेवार की रामपायली से जुड़ी स्मृतियों का जिक्र किया था। आज वे वहां पहुंचकर वहां के प्रशासन को दिशा-निर्देश देंगे। वहां स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हेडगेवार की यादों को स्थाई रूप से सहेजने के निर्देश दिए जाएंगे।
गौरतलब है कि डॉ हेडगेवार द्वारा आरएसएस की स्थापना के पहले रामपायली भारतीय स्वतंत्रता समर की उनकी विभिन्न स्मृतियों का गवाह है। डॉ हेडगेवार कलकत्ता से एमबीबीएस करने के बाद और आरएसएस की स्थापना के पूर्व एक लंबे कालखंड में रामपायली में रहकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करते रहे थे। रामपायली में ही डॉ केशव बलीराम हेडगेवार ने अंग्रेजों के खिलाफ उग्र आंदोलन कर अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया था। डॉ हेडगेवार ने रामपायली में स्वातंत्र्य समर के लिए अपनी पहली सभा दशहरे के दिन की थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान डॉ हेडगेवार ने रामपायली में रहकर ही जंगल सत्याग्रह सहित अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों की रचना की और यहीं से उसका क्रियान्वयन किया। रामपायली में ही डॉ केशव बलीराम हेडगेवार का बाल अवस्था में जीवन गुजरा है, उनका पुराना घर और उनका पूजन स्थल विठ्ठल रुकमई का मंदिर है जो वर्तमान में जीर्ण शीर्ण हो चुका है।
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