बिजली सप्लाई की चुनौती गर्मी के मौसम में ही होती है। जिसमें बिजली कंपनियां बिल तो मोटी-मोटी रकम के वसूलती है लेकिन जब रात को बिजली गुल हो जाए तो कर्मचारी-अफसर-नेता चैन की नींद लेते हैं और कंज्यूमर बस ऑनलाइन शिकायत के भरोसे करवटें बदलता रहता है। सुबह जब कर्मचारी-अफसर की नींद खुलती है तो कंज्यूमर की याद आती है, आपकी बिजली की कोई शिकायत थी क्या। जानिये हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया द्वारा लिखे गए विशलेषण में, क्या है बिजली कंपनियों की कंज्यूमर की शिकायतों के निवारण के हाल।
बिजली कंपनियां बारिश के पहले दिन में मैंटेनेंस के नाम पर जब तब बिजली गुल करती रहती हैं। दिन में आप शिकायत करते हो तो फोन पर अपनी समस्या बताने की सुविधा होती है। मगर भीषण गर्मी के इस मौसम में बिजली गुल हो जाए तो फिर आप करवटें बदलते रहें क्योंकि रात को कर्मचारियों-अधिकारियों और नेताओं को अपनी नींद में खलल बर्दाश्त नहीं होता। रात को कंज्यूमर जिससे वसूली के कारण बिजली कंपनियों के अधिकारियों-कर्मचारियों को तनख्वाह मिलती है, वे न तो फोन अटैंड करेंगे और न ही कोई एसएमएस या व्हाट्स मैसेज देखेंगे।
बुधवार की रात यह हुआ
भोपाल में बुधवार की रात को रचना नगर में न तो हवा चली और नहीं बारिश आई, मगर दस बजे से लेकर रात ढाई बजे तक बिजली के तीन फेस पर गुल होने और रोशनी लौटने का सिलसिला चलता रहा। एक फेस पर तो साढ़े दस बजे जो बिजली गुल हुई कंज्यूमर उसके बाद कभी घर के भीतर तो कभी बाहर होते रहे और बार-बार शिकायत दर्ज कराते रहे लेकिन करीब ढाई बजे रात तक बिजली नहीं आई। फोन पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के विकल्प के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था तो कॉल मिलने पर रिकार्डेड मैसेज की आवाज से शिकायतें दर्ज कराईं और व्हाट्सअप मैसेज पर रिकार्डेड गाइड लाइन के मुताबिक संदेश भेजे गए।
सुबह आठ बजे कॉल आया आपकी बिजली की क्या प्राब्लम है
सुबह आठ बजे बिजली कंपनी से 9109979261 से कॉल आया कि आपकी कोई बिजली की प्राब्लम है क्या। जब उनसे कहा कि आप क्या चाहते थे कि मैं सुबह तक बिनी बिजली के ही परेशान होता रहा हूं। उनका कोई जवाब नहीं मिला।
ऊर्जा मंत्री से सुबह से दोपहर तक बात नहीं हो सकी
ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से जब बिजली कंपनियों के रवैये पर चर्चा करना चाही तो सुबह साढ़े नौ बजे से मध्यान्ह तक बात नहीं हो सकी। उनका फोन पहले डायवर्टेड करने की सूचना सुनी फिर उस नंबर पर शिकायत पूछी गई लेकिन मंत्रीजी से बात करने का आग्रह किया तो कहा गया कि अभी इस नंबर उनसे बात नहीं हो पाएगी। कुछ देर बाद फिर लगाया तो मंत्रीजी कमरे हैं कहकर कुछ देर बाद बात करने का कहा गया। कुछ देर तक यही कहा गया और बाद में कहा गया वे मंत्रीजी के पास नहीं हैं।
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