रातापानी अभयारण्य की निजी जमीन पर लगे घने पेड़ों को काट दिया गया है। इन पेड़ों की किनकी अनुमति से काटा गया, इसका जवाब वन विभाग के पास भी नहीं है। पेड़ों को काटकर पटक दिया गया है और उन्हें उठाने की तैयारी है। पेड़ों की कटाई ग्राम डामडोगरी में की गई है जिनकी संख्या करीब 500 बताई जा रही है। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। वन विभाग राजस्व का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
नेशनल हाइवे 45 से लगा ग्राम बम्होरी में हज़ारों की संख्या मे पेड़ काट दिए गए है। काटे गए सभी पेड़ अलग-अलग निजी भूमियों खडे थे. सवाल यह कि इनको काटने की अनुमति कैसे दी गयी? यह देखने में यह घना जंगल डीम्ड फारेस्ट में आता है। जो कि माननीय न्यायालय डब्ल्यूपी 202 12/ 12/95 के अनुसार घना जंगल है । ठीक इसी ग्राम से लगे ग्राम डामडोगरी में भी 500 से अधिक पेड़ो को काट दिया गया। धीरे धीरे इस जंगल की निजी भूमियां जिसमें जंगल खड़ा है। इसको काटा जा रहा है, जो कि नियम विरुद्ध कृत्य है. इसकी शिकायत सीसीएफ, और बिनेका रेंजर से की. सभी जिम्मेदार अफसर राजस्व का हवाला दे कर मौन साध कर बैठे है। अब तक यहां के स्थानीय निवासियों से पूछने पर बताया गया कि यह 6000 से अधिक पेड़ो को अनुमति और बिना अनुमति के काटा जा चुका है।
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