सूचना के अधिकार में आवेदकों को अब तक सरकारी दफ्तरों में ही मुश्किलें पैदा की जाती रहीं लेकिन अब राज्य सूचना आयोग के ऑफिस में भी बाबुओं के हौंसले बुलंद हो गए हैं। नीमच से आए एक शिकायतकर्ता से राज्य सूचना आयोग के एक बाबू ने अपील के लिए 20 हजार रुपए की मांग की और शिकायतकर्ता सीधे लोकायुक्त पुलिस दफ्तर पहुंचा जहां पूरा घटनाक्रम सुनाया। लोकायुक्त पुलिस ने 24 घंटे में ही रिश्वतखोर बाबू को रंगीन गुलाबी हाथों के साथ पकड़ लिया।
नीमच के ग्राम उमर तहसील सिंगोली का मोहम्मद हारुन नीलगर नाम का व्यक्ति ने अपने भू स्वमित्व के संबंध में दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत उमर आवेदन किया था। मगर वहां उसे अपूर्ण जानकारी दी गई तो उसने प्रथम अपील अधिकारी जनपद पंचायत जावद के पास अपील की। वहां से भी उसे जानकारी प्राप्त नहीं हुई तो दो बुधवार को राज्य सूचना आयोग के अरेरा हिल्स मुख्यालय में पहुंचा था। वहां अकाउंट शाखा में पदस्थ बृजेश कुशवाह ने उससे रजिस्ट्रेशन कराकर अपील पर जल्दी कार्रवाई कराने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की।
राज्य सूचना आयोग बाबू के खिलाफ लोकायुक्त पहुंचा हारुन
राज्य सूचना आयोग के बाबू की 20 हजार रुपए की राशि की मांग को लेकर हारुन सीधे भोपाल लोकायुक्त एसपी के दफ्तर पहुंचा और वहां पूरा घटनाक्रम बताया। उसकी शिकायत की जांच की गई तो लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने उसे सही पाया और योजनाबद्ध ढंग से बृजेश को आज रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ने के लिए उसके बताए ठिकाने साई बोर्ड चौराहा पर सुबह नौ बजे हारुन को रंग लगे नोट के साथ बृजेश के पास भेजा। जैसे ही बृजेश ने राशि ली तो लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे पकड़कर हाथों को कांच के बर्तन में भरे साफ पानी डलवाया। पानी गुलाबी हो गया और बृजेश को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
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