देश में एकसाथ 13 राज्यों में राष्ट्रपति ने नए राज्यपालों की नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। इन नियुक्तियों से कुछ राज्यों में भाजपा को राजनीतिक परिस्थितियों में सकारात्मक माहौल मिलेगा तो कुछ के पीछे उनके देश को दिए गए योगदान को ध्यान में रखा गया है। मध्य प्रदेश की नेता अनुसूइया उइके और छत्तीसगढ़ के नेता रमेश बैस भी इससे प्रभावित हुए हैं। प्रस्तुत है विस्तुत रिपोर्ट।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 13 राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति के आदेश जारी किए तो दो राज्यपालों के इस्तीफे स्वीकार भी किए। राज्यपालों के इस्तीफे और नियुक्ति के इस घटनाक्रम में सबसे अहम नाम भगत सिंह होशियारी का है जो कुछ समय से भाजपा के लिए परेशानी का कारण बन चुके थे। उनके बयानों से भाजपा को राजनीतिक हानि उठाने जैसे हालात बनने के बाद भी वह उनका विरोध नहीं कर पा रही थी। महात्मा ज्योतिबा फुले-सावित्री बाई फुले के बाल के विवादित बयान से लेकर छत्रपति शिवाजी पर विवादित टिप्पणी, गुजराती-मराठी समुदाय को लेकर अजीबो-गरीब बयान, जैसे घटनाक्रम से कोशियारी ने भाजपा के लिए विपरीत परिस्थितियां पैदा कर दी थीं। आखिरकार कोशियारी से राज्यपाल पद से इस्तीफा दिलाकर अब छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। वे अभी तक झारखंड के राज्यपाल थे। बैस इसके पूर्व केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।
जनजाति की उइके को पूर्वांचल भेजा
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की जनजाति नेता अनुसूइया उइके को छत्तीसगढ़ से पूर्वांचल के मणिपुर राज्य का राज्यपाल बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार आरक्षण संशोधन विधेयक लाई है जिसको लेकर उइके विधेयक को एकबार वापस कर चुकी है। मगर राज्य सरकार ने वापस उसे राज्यपाल को भेजा है। इस विधेयक को लेकर राज्यपाल व सरकार के बीच मतभेद चल रहे हैं। अब उनकी जगह आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया है।
रिटायर्ड न्यायाधीश नजीर आंध्रप्रदेश के राज्यपाल
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश जस्टिस ए अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। जस्टिस नजीर सुप्रीम कोर्ट की उस बैंच में शामिल थे जिसने अयोध्या से संबंधित एक फैसला सुनाया था। उन्होंने ही हाल ही में नोटबंदी को सही ठहराने वाला फैसला भी दिया था।
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