राजनीति के साथ नारायण त्रिपाठी की उस्ताद अलाउद्दीन खां सुर साधना, विंध्यवासी के नाते मांगा ‘भारत रत्न’

विंध्य प्रदेश की मांग की अगुवाई कर रहे विधायक नारायण त्रिपाठी अब विंध्य के महापुरुषों को सम्मान दिलाने के लिए आगे आ रहे हैं। अर्जुनसिंह की प्रतिमा के कई सालों से रुके अनावरण का श्रेय ले चुके त्रिपाठी अब उस्ताद अलाउद्दीन खां और मैहर घराने के वाद्यवृंद व वाद्ययंत्र नल तंरग को उचित सम्मान दिलाने की लड़ाई शुरू कर दिए हैं। विधायक नारायण त्रिपाठी ने इसके लिए ऐसे आवाज उठाई है।

भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी सतना के मैहर विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक बने हैं। सबसे पहले वे 2003 में समाजवादी पार्टी से विधायक बने थे और उसके बाद 2009 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। इसके बाद 2013 में कांग्रेस से विधायक बने और 2015 में कांग्रेस से त्यागपत्र देकर 2016 में भाजपा से उपचुनाव लड़ा व विधायक बन गए। अभी वे 2018 में भाजपा से चुनाव जीतकर विधायक हैं लेकिन उनकी निष्ठा कमलनाथ सरकार बनने के बाद से निष्ठा डगमगा रही है। कुछ दिनों से वे भाजपा की लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे हैं और पृथक विंध्य प्रदेश के लिए अपना संगठन बनाकर काम शुरू कर दिया है।

उस्ताद अलाउद्दीन खां को भारत रत्न देने की मांग
विधायक त्रिपाठी ने अब विंध्य की संगीत की हस्ती पद्मविभूषण उस्ताद अलाउद्दीन खां को भारत्न दिलाने और यहां के मशहूर आर्केस्ट्रा मैहर वाद्यवृंद व वाद्ययंत्र नल-तरंग को जी-20 शिखर सम्मेलन की प्रस्तुति में शामिल कराने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। त्रिपाठी का कहना है कि विंध्य की धरती से दुनिया को तानसेन, उस्ताद अलाउद्दीन खां, पं. रविशंकर, अली अकबर खां, अन्नपूर्णा देवी जैसी हस्तियां मिली हैं। वे कहते हैं कि उस्ताद अलाउद्दीन खां ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में सैकड़ों वाद्ययंत्रों, संगीत रागों व शिष्यों को तैयार किया। उनके शिष्य पं. रविशंकर को 1999 में भारत रत्न दिया गया जिनकी बेटी अनुष्का शंकर को पांच ग्रेमी अवार्ड मिल चुके हैं।

विधायक त्रिपाठी बताते हैं कि वैश्विक महामारी से अनाथ व विकलांग बालक-बालिकाओं को संगीत शिक्षा प्रदान कर दुनिया को पहला आर्केस्ट्रा मैहर वाद्यवृंद समर्पित किया जो आज अद्वितीय है। इसी तरह उस्ताद अलाउद्दीन खां ने मैहर राजा के शास्त्रागार से अलग-अलग बंदूकों की नाल काटकर तरंगगति की सरंचना प्रदान कर नल-तरंग वाद्ययंत्र तैयार किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि ऐसे नवाचारी शांतिदूत संगीत-संत को भारत रत्न सम्मान प्रदान करें तथा देश में आयोजित होने वाले जी-20 देशों के समूह के शिखर सम्मेलन में मैहर घराना के ‘‘मैहर-वाद्यवृन्द‘‘ एवं ‘‘नल-तरंग‘‘ की प्रस्तुति को शामिल करें। यह उस्ताद अलाउद्दीन खां को सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।

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