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यूपी पुलिस के आठ जवानों के हत्या के आरोपी का विकास महाकाल मंदिर में पकड़ाया
उत्तरप्रदेश पुलिस के आठ जवानों को मारने के आरोपी पांच लाख के इनामी कुख्यात बदमाश विकास दुबे की मध्यप्रदेश के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में पकड़ाया है। दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ही नहीं कई लोगों ने संदेहास्पद बताया है और भाजपा सरकार के मंत्री पर ही संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उसे उत्तरप्रदेश पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर सड़क के रास्ते अपने साथ ले गई।
कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहे आरोपी विकास दुबे गुरुवार को जब महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचा तो उसे गार्ड लखन यादव ने पहचान कर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद विकास ने अपने संभावित एनकाउंटर की आशंका में गिरफ्तारी कराने के लिए सड़क पर चिल्ला चिल्ला कर परिचय देते हुए पकड़ने को कहा। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की।
हालांकि इसके बाद देरशाम जब पुलिस ने उसे उत्तरप्रदेश पुलिस को सौंपने के बाद जो अधिकृत बयान जारी किया तो उसमें बताया कि विकास दुबे महाकाल मंदिर के बाहर एक दुकान पर पहुंचा था और उसे दुकानदार ने पहचान लिया। मगर दुकानदार ने उस समय उसे कुछ नहीं कहा और उसके दर्शन करने मंदिर में जाने के बाद मंदिर की सुरक्षा में लगी पुलिस कर्मियों को इस बारे में बताया। इसके आधार पर उससे पूछताछ की गई तो पहले उसने अपना परिचय दूसरे नाम से दिया और पहचान पत्र भी गलत पेश किया। बाद में उसने खुद का विकास दुबे होना स्वीकार किया।
विकास दुबे की गिरफ्तारी पर विपक्ष के सवाल
विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने कई सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से लेकर दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव, पीसी शर्मा, जीतू पटवारी आदि ने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाया है कि विकास दुबे का कानपुर का है और मिश्रा भी उत्तरप्रदेश चुनाव में प्रभारी थे। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण प्रायोजित है और पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच होना चाहिए। विकास दुबे को एनकाउंटर का डर था और उसने मध्यप्रदेश को सुरक्षित मानकर राजनीतिक संरक्षण में आत्मसमर्पण किया।
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