प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे दूसरों से नहीं बल्कि अपने से प्रतिस्पर्धा करें। नई दिल्ली में विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे आत्मविश्वास बनाये रखें। श्री मोदी ने विद्यार्थियों को ध्यान केन्द्रित करने के लिए योग करने की सलाह दी।
यह जो योगा है न कुछ लोग मानते हैं कि ये कोई फिजिकल एक्सरसाइज है। बॉडी बनाने का काम नहीं है। योग का मूलत: काम शरीर मंद, बुद्धि आत्मा इनको एक स्निक्रोनाइज वे में काम करने के लिए है। वर्तमान में जीने की आदत कान्सनट्रेशन के लिए एक रास्ता खोल देती है। श्री मोदी ने कहा कि परीक्षा की तैयारी करते समय विद्यार्थियों में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है। विवेकानंद जी हमेशा एक बात कहा करते थे। अहम ब्रह्मा अस्मी वो कहते थे कि अपने आपको कम मत मानो। अहम ब्रह्म मैं ही ब्रह्म का रूप हूं। यानी आत्म विश्वास जगाने की बात करते थे कि मन में एक भाव रहता है आत्म विश्वास का, यह बहुत आवश्यक होता है। आत्मविश्वास हमेशा हर कदम पर कोशिश करते-करते करते बढ़ता है और हम उसको अचीव कर सकते हैं और इसलिए निरंतर ये कोशिश होनी चाहिए कि मैं जहां हूं उससे मुझे कुछ और अधिक करना है और इसके लिए जो मुझे करना पड़ेगा वो मैं करूंगा। श्री मोदी ने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि वे तनाव रहित होकर और सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा दें। उन्होंने अभिभावकों से यह भी कहा कि वे अपने बच्चे की क्षमता की तुलना दूसरों के बच्चे से न करें। उनका कहना था कि सभी बच्चों में अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों के सामने अपने विचार रखते हुए कहा कि वे उन्हें प्रधानमंत्री नहीं अपना दोस्त समझें। उन्होंने कहा कि अपने अंदर के विद्यार्थी को हमेशा जिंदा रखना चाहिए। नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए इस कार्यक्रम में लगभग दो हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। वीडियों लिंक के जरिये भी लाखों बच्चों ने श्री मोदी को सुना। हमारे संवाददाता ने बताया है कि प्रधानमंत्री आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में अक्सर विद्यार्थियों की चिंताओं का समाधान करते रहते हैं।
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