मुख्यमंत्री बस दुर्घटना में घायल बच्चों को देखने बाम्बे हास्पिटल पहुंचे

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान रविवार को इंदौर में डीपीएस स्कूल की बस दुर्घटना में घायल हुए बच्चों को देखने बाम्बे हास्पिटल पहुंचे। यहां उन्होंने हास्पिटल के डाक्टरों से चर्चा की तथा बच्चों के बेहतर से बेहतर इलाज के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के व्यवहार को लेकर जो शिकायतें मिली है इन्हें दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को हटाने का फैसला लिया गया है।मुख्यमंत्री ने घायल बच्चों के परिजनों से भी चर्चा की तथा उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार बच्चों की चिकित्सा के लिए हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करायेगी और बेहतर से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करायी जायेगी। दिनांक 5 जनवरी 2018 को डीपीएस की बस दुर्घटना में 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई तथा 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल होकर बाम्बे अस्पताल में भर्ती है। 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह बहुत ही ह्मदयविदारक घटना है, जिसके कारण हमारे 4 बच्चे असमय ही अपने परिवार से बिछुड़ गये। इस घटना से मन दर्द व पीड़ा से भरा हुआ है। पूरा इंदौर शहर इस दुर्घटना के कारण दु:खी व व्यथित है। उन्होंने कहा कि मैं इंदौर की जनता की संवेदनाओं को प्रणाम करता हूँ कि इंदौर का हर शहरी दु:ख की इस घड़ी में मासूम बच्चों के परिवारों के साथ खड़ा हुआ वहीं खून देने वालों की अस्पताल में लाइन लग गई। उन्होंने कहा कि इंदौर की जनता ने मानवीयता का यह अनुपम उदाहरण सभी के समक्ष प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाम्बे आस्पताल में 6 मासूम बच्चे भर्ती है, जिनकी सर्जरी हुई है। बच्चों के इलाज के संबंध में डाक्टरों से चर्चा की। डाक्टरों द्वारा इन मासूम बच्चों के इलाज के हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे स्वस्थ है और कुछ गहन निगरानी में रखे गये है। डाक्टरों से कहा है कि यदि शहर से बाहर के डाक्टरों को बुलाना पड़े तो बाहर के डाक्टरों को बुलाकर भी चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिये गये है। आईएएस स्तर के अधिकारी द्वारा जांच करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट 15 दिन में प्राप्त हो जायेगी। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
चौहान ने कहा कि इस प्रकार की बस दुर्घटनाएं दुबारा न हो इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि 15 साल से पुरानी बसे नहीं रखी जायेगी। 15 साल से पुरानी बसों को रिप्लेस करने के निर्देश दिये जा रहे है। प्रदेश भर में बसों की जांच कराके आगामी तीन माह में 15 साल से ज्यादा पुरानी सभी बसों को रिप्लेस कराया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर जिले में अब एक ऑटोमैटिक फिटनेस सेन्टर होगा, जिसमें बस सीधे अंदर जायेगी और फिटनेस की जांच ऑटोमैटिक तरीके से हो जायेगी ताकि मेन्युअल आधार पर फिटनेस की जांच को समाप्त किया जा सके। स्कूली बसों की स्पीड भी अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। यदि ज्यादा गति पायी जाती है तो बस चालक के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने केन्द्रीयकृत डाटा सेन्टर बनाने का भी निर्णय लिया है। इस सेन्टर के माध्यम से बसों की लोकेशन व स्पीड का अनुमान लगाया जा सकेगा कि कौन सी बस निर्धारित स्पीड से ज्यादा गति पर चल रही है। इससे बसों की स्पीड मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी तथा ज्यादा गति से चलाने वाले बस चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। जिन स्कूलों में बसों से बच्चों का लाने-ले जाने की व्यवस्था है वहां के स्कूल प्रबंधकों व पालकों की समिति बनायी जायेगी तथा समिति की नियमित बैठकों की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी। समिति बसों की फीस के अलावा व्यवस्थाओं के नाम पर ली जाने वाली अन्य फीसों की समीक्षा करेगी यदि पालक किसी व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होंगे तो वे सरकार को जानकारी देंगे। सरकार जानकारी के आधार पर कार्यवाही करेगी।

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