भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने कर्मचारियों को वर्ष 2011-15 की अवधि में एक विदेशी कंपनी द्वारा घूस दिए जाने के बारे में प्रकाशित खबर पर निम्नांकित ब्यान जारी किया है-”मीडिया में खबर आयी है कि मैसर्स सीडीएम स्मिथ इंक., यूएसए ने कथित रूप से यह स्वीकार किया है कि उसने 2011 से 2015 की अवधि में एनएचएआई के अधिकारियों को रिश्वत दी। मैसर्स सीडीएम स्मिथ इंक., यूएसए भारत में कुछ समय से सड़क क्षेत्र में काम कर रही थी। परन्तु 2015 में उसे तीन महीने के लिए एनएचएआई परियोजनाओं में आगे बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि एनएच-3 के धौलपुर-मोरेना सेक्शन पर एक परियोजना में उसकी सेवाओं में खामी पायी गई थी। मैसर्स सीडीएम स्मिथ फिलहाल एनएचएआई की किसी परियोजना में शामिल नहीं है। आरोप की गंभीरता को देखते हुए एनएचएआई ने अपने अधिकारियों को कथित भुगतान किए जाने के मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी है।
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