Warning: mysqli_real_connect(): Headers and client library minor version mismatch. Headers:100311 Library:30121 in /home/khabar/domains/khabarsabki.com/public_html/wp-includes/class-wpdb.php on line 2035
मालिनी का लोक परम्परा में स्त्री सर्जनात्मकता एकाग्र ‘उद्बोधन’ व ‘गायन’ की प्रस्तुति

मालिनी का लोक परम्परा में स्त्री सर्जनात्मकता एकाग्र ‘उद्बोधन’ व ‘गायन’ की प्रस्तुति

एकाग्र ‘गमक’ श्रृंखला अंतर्गत आज संस्कृति संचालनालय द्वारा सुश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ का लोक परम्परा में स्त्री सर्जनात्मकता एकाग्र ‘उद्बोधन’ एवं ‘गायन’ की प्रस्तुति दी गई |    

देश की विख्यात गायिका सुश्री मालिनी अवस्थी ने आज संस्कृति विभाग के निमंत्रण पर दो महत्वपूर्ण आयामों में अपनी सहभागिता से उपस्थित श्रोताओं व कला रसिकों को मंत्रमुग्ध किया | वे दोपहर को मुख्य उद्बोधन में शामिल हुईं जिसका विषय था पारंपरिक संस्कृति में स्त्री सर्जनात्मकता| शाम को उन्होंने लोकगायन की वह छटा बिखेरी जिसका श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया| उन्होंने – वाजत अवध बधैया, गुदना गोद-गोद हारी, निकला देशी.. लागे बलमवा, नीर चुअत है आधी रात, रामजी से पूछे जनकपुर की नारी, केसरिया बागवान हो, नखरेदार बन्नों आई पिया, सारी कमाई गंवाई रसिया, मोरे बन्ने को अचकन सोहे- बन्ना मोरा जुग-जुग जिये, अपने चित-परिचित अंदाज में- सैंयाँ मिले लरकैयाँ मैं का करूं आदि गीत प्रस्तुत किये और मोरे रामा अवध घर आये से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया |   

मंच पर- कीबोर्ड पर – श्री सचिन कुमार, हारमोनियम पर- उस्ताद जमीर हुसैन खान, तबला पर- श्री गौरव राजपूत एवं ढोलक और पैड पर श्री अमित ने संगत दी |  

दोपहर में अपने उद्बोधन में उन्होंने भारतीय परम्परा में स्त्री सर्जना, उनके महान योगदान और देशकाल से लेकर परिवार और समाज में असाधारण भूमिका को रेखांकित किया | उन्होंने अपनी बात के पक्ष में कुछ गेय उदाहरण भी दिये |  

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today