मातृशक्ति का कथित अपमान करने वाले IAS शाह का पुनर्वास, यहां मिली गैर राजनीतिक नियुक्ति

सहायिका और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सम्मान समारोह में स्तनपान को लेकर विवादित बयान देने वाले 1990 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अशोक शाह को राज्य सरकार ने रिटायरमेंट के दो महीने बाद तोहफा दे दिया है। वे आरक्षित वर्ग से आते हैं और उनके बयान पर भाजपा की महिला नेताओं की मातृशक्ति के अपमान की प्रतिक्रिया को भी नजर अंदाज कर दिया गया है। आईए पढ़िये शाह ने तब क्या कहा था और अब सरकार ने उन्हें विवादित बयान के बाद भी कौन सा तोहफा दिया है।

महिला बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यकाल के दौरान अशोक शाह ने नवंबर 2022 में सहायिका और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में लाड़ली लक्ष्मी योजना के गुणगान करते हुए सीमाएं लांघते हुए महिलाओं के स्तनपान को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना की वजह से बच्चियों को जन्म देने से रोकने की प्रवृत्ति की तारीफ करने के लिए कह दिया था कि 2005 में मध्य प्रदेश में स्तनपान का प्रतिशत 15 फीसदी था जो अब 42 फीसदी पहुंच गया है। शाह के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से लेकर वरिष्ठ महिला नेता व पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेल व रंजना बघेल ने इसे मातृशक्ति का अपमान बताया था।
शाह को विवादित बयान के बाद भी तोहफे में पुनर्वास
31 जनवरी को अशोक शाह सरकारी सेवा से रिटायर हो गए और अब उन्हें नवगठित मध्य प्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद के महानिदेशक के रूप में तीन साल का पुनर्वास दिया गया है। मध्य प्रदेश कार्य गुणवत्ता परिषद वह संस्था है जिसे मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन को समाप्त करने के बाद पिछले साल सितंबर में बनाया गया था। इस परिषद में शासी निकाय और कार्यकारिणा निकाय बनाए गए हैं। शासी निकाय में सीएम सहित आठ मंत्री, मुख्य सचिव, एसीएस जीएडी, पीएस पीडब्ल्यूडी और सदस्य सचिव के रूप में एक अधिकारी है तो कार्यकारिणी निकाय में अध्यक्ष सीएस व उपाध्यक्ष एसीएस जीएडी, सात अन्य एसीएस व सदस्य होगा।

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