श्री महाकालेश्वर मंदिर में 5 दिन से उत्तम वर्षा की कामना को लेकर चल रहा है। महा रुद्राभिषेक अनुष्ठान का समापन भावनात्मक आहुति के साथ हुआ। कलेक्टर आशीष सिंह ने यज्ञशाला के बाहर तलवार से कद्दू काट कर बलि दी। इसके बाद हवन में पूर्णाहुति डाली।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 23 जून से देश-प्रदेश व नगर में उत्तम वर्षा की कामना से मंदिर प्रबंध समिति द्वारा महा रुद्राभिषेक अनुष्ठान प्रारंभ किया गया था। कलेक्टर आशीष सिंह ने शपथ ली भगवान महाकाल का दर्शन जी ऋषि का पूजन कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया था। 5 दिन भगवान महाकाल वाष्र्णेय ऋषि पर सहस्त्र जल धारा प्रवाहित की गई। मंदिर के पुजारी पुरोहित सहित अन्य 55 पंडितों ने नंदी मंडपम में बैठकर परजन्य मंत्रों का जाप किया। दोपहर 1 से 3 के बीच यह जाप निरंतर चलता रहा और भगवान महाकाल के मस्तक पर सहस्र जल धारा का प्रवाह लगातार किया जाता रहा। सोमवार को इसकी पूर्णाहुति संपन्न की गई। सोमवार को दोपहर में भावनात्मक पूर्णाहुति के लिए कलेक्टर आशीष सिंह महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। यज्ञशाला के बाहर कलेक्टर सिंह ने अनुष्ठान में कामना की पूर्ति के लिए सफेद कद्दू को तलवार से काट कर बलि देकर अनुष्ठान की पूर्णाहुति की। मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि महाकाल को महारुद्र अभिषेक का शास्त्र में बड़ा महत्व है। यह शिव को अत्यंत प्रिय है। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा राष्ट्र के कल्याण के लिए और उत्तम वर्षा की कामना के साथ महा रुद्राभिषेक अनुष्ठान का हवनात्मक समापन किया गया है। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक और अन्य पुजारी-पुरोहित मौजूद रहे।
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