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महाकाल परिसर में नृत्य-संगीत से हुआ भगवती मां उमा की आराधना, कीर्तन गायन पर सम्मान

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित उमा सांझी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कीर्तन भी हुए। समर्थ बालकृष्ण नाथजी ढोलीबुआ महाराजजी ग्वालियर वालोंका कीर्तन पूर्ण होने पर पुजारी दिनेश गुरु, सह सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी और अन्य लोगों ने सम्मान किया।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के गौरवशाली आयोजन उमा सांझी महोत्सव 2022 की अंतिम और पांचवी निशा भजन और कथक के नाम रही । इस सांस्कृतिक संध्या में रीवा से पधारे विख्यात भजन गायक हेमंत तिवारी ने अपने सुमधुर भजनों से दर्शकों का मन मोह लिया । हेमंत ने अपने भजन का प्रारम्भ ” मैं तो तुम्हारो दास जन्म जनम जनम को” से किया । तत्पश्चात अगली प्रस्तुति में “राम सिया राम” ” श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी” “राम भक्त ले चला रे राम की निशानी” “बोल पिंजरे का तोता राम” “बम बम लहरी” और ” जो भजे हरि को सदा” से समापन किया । संगतकारों में आदर्श मिश्रा तबला, अर्जुन त्रिपाठी की-बोर्ड, आयुष्मान तिवारी ऑक्टोपैड और पवन गिरी ने बेंजो पर संगत की ।
इसके बाद दूसरी प्रस्तुति में विख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री माधुरी कोडापे ने आपकी कथक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । माधुरी ने अपनी प्रस्तुति का प्रारंभ ” देवी स्तुति” से किया। उसके बाद अगली प्रस्तुति में “गणेश वंदना” ” उमा महेश स्तुति” ” अर्धांग” से समापन किया। इसने साथ तपस्या संस्कृति संस्थान के सह कलाकारों में सुश्री अवनी दीक्षित, सुश्री आस्था सांवरे, सुश्री हर्षा खत्री, सुश्री दिव्या खत्री, सुश्री निशिका गुप्ता, सुश्री अनाया मिश्रा ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।
दोपहर में तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. पीयूष त्रिपाठी, श्री दीपक उपाध्याय, श्री यश पुजारी व श्री प्रशांत त्रिपाठी निर्णायक के रुप मे उपस्थित थे। प्रतियोगिता में श्री हिमांशु पंड्या को प्रथम, कु. गौरी नायक द्वितीय, कु. भावना चौहानV तृतीय, सांत्वना पुरस्कार श्री कुलदीप चौरसिया व श्री आनंद त्रिवेदी ने प्राप्त किया।
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