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मप्र के राशन घोटाले के आरोपों पर CM ने कहा CAG की रिपोर्ट अंतिम नहीं

मध्य प्रदेश में महिला और बाल विकास विभाग के राशन घोटाले को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के आरोपों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। चौहान ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट अंतिम नहीं है बल्कि प्रारंभिक रिपोर्ट है। विभाग को अभी अपना पक्ष प्रस्तुत करना है।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिंह सिसौदिया द्वारा पोषण आहार में राशन घोटाले के आरोप लगाए गए हैं लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि सीएजी की प्रारंभिक रिपोर्ट है जबकि दिल्ली विधानसभा में तो आप सरकार ने चार साल से रिपोर्ट ही पेश नहीं की है। कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व सहायता समूहों से वापस लेने की कार्रवाई की थी और निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ की राशि रोकी गई।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह दी सफाई
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने भी इस पर सफाई दी है। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कैग ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से दो सप्ताह में वास्तविक स्थिति की जानकारी चाही हैं ताकि उसको CAG रिपोर्ट में शामिल करें या ना करें इस संबंध में निर्णय ले सकें। महिला बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के बालिकाओं संबंधी आंकड़े एक हो ही नहीं सकते क्योंकि भारत सरकार को भेजी गई जानकारी में स्पष्ट कहा गया है कि जिन 2 लाख 52 हजार बालिकाओं को पोषण आहार दिया गया , वह बालिकाएं स्कूल में नहीं जाती है। रजिस्टर में होने वाली प्रविष्टियों पर समुचित ध्यान के अभाव में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट से विसंगतियां पैदा हुई है। हम पर आरोप लगाने वाले खुद घपले-घोटालों में घिरे हुए हैं इसलिए इस प्रकार का प्रपंच रच रहे हैं। पोषण आहार संबंधी कोई गड़बड़ नहीं हुई है। हम 2 सप्ताह में समुचित जवाब देंगे। कैग का अभी प्रतिवेदन आया ही नहीं है क्योंकि फाइनल रिपोर्ट विभाग के जवाब के बाद तैयार होगी तो फिर घोटाला या गड़बड़ी कहां से हो गई।
ट्वीट पर आप ने लगाए ये आरोप
मध्य प्रदेश में जो बच्चों का राशन घोटाला हुआ है उसकी हैवानियत का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं की राशन ट्रक के नाम पर बाइक, ऑटो का नम्बर दिया गया। लाखों बच्चे रातों-रात राशन लेने वालों के नाम में जोड़े गये। जबकि इन नाम के बच्चों का कोई अता-पता नही। ये विभाग खुद सीएम शिवराज चौहान के पास है।
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