मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश पुलिस स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे प्रदेश पुलिस पर गर्व है। प्रदेश के निर्माण से अभी तक 877 पुलिसकर्मियों ने जनसुराग के लिए शहादत देकर एक महान परंपरा डाली है। सभी टॉस्क पुलिस ने सफलतापूर्वक पूरे किए। सिंहस्थ की सफलता में पुलिस ने उल्लेखनीय योगदान दिया, कानून व्यवस्था के साथ नागरिक संबंधों का भी कुशलता से निर्वहन किया। कोरोना काल में पुलिस का काम गर्व से भर देने वाला रहा। मुझे आशा है प्रदेश की पुलिस देश में सर्वश्रेष्ठ काम करके दिखाएगी। मध्यप्रदेश शांति का टापू है इसके पीछे पुलिस का परिश्रम और निष्ठा है। डॉयल-100 से रीयल टाइम पुलिस कार्यवाही संभव हुई। महिला सशक्तिकरण के लिए पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण दिया। इन महिला पुलिसकर्मियों का शौर्य भी त्वरित कार्यवाहियों में दृष्टिगोचर होता है।
पुलिस के प्रयासों से डकैत समस्या लगभग पूर्णत: उन्मूलित हो गई है। अपराध नियंत्रण में है। हमें महिला सुरक्षा को और सुदृढ़ करना है। ड्रग्स माफियाओं को पूरी तरह नेस्तानाबूद करना है। सायबर क्राइम की सभी संभावनाओं को समाप्त करना है तथा नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ प्रदेश सुरक्षित है। प्रशासनिक दक्षता के साथ कर्तव्यपथ पर चलते रहें। यह दिवस आत्म-निरीक्षण का भी है। पुलिस का यश और गौरव गाथा निरंतर रहे। अगला स्थापना दिवस कार्यक्रम और भी व्यापक स्वरूप में मनाया जाएगा।
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सभी को पुलिस स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पुलिस ने कई उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। इस वर्ष 904 माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही की गई। त्वरित विवेचना कर दुष्कर्म के आरोपियों के 38 केसों में फांसी की सजा दिलाई गई। पुलिस कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर चौराहों पर भी हम सबकी प्राण रक्षा के लिए सदैव खड़ी रही।
उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पर इस बात का उल्लेख करना प्रासंगिक है कि आप सब पुलिस अधिकारी और कर्मचारी समाज में होने वाले अपराध, हिंसा, लालच और असहिष्णुता की वृत्तियों से भली-भाँति परिचित हैं। तकनीकी विकास के कारण साइबर अपराध जैसी गतिविधियाँ बढ़ने लगी हैं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
सायबर अपराध, महिलाओं तथा अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के प्रति बढ़ते अपराधों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिये और अधिक सक्षम होकर कारगर प्रयास करने की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों को सायबर अपराध और महिलाओं एवं बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिये सबसे पहले स्वयं की व्यवसायिक दक्षता बढ़ानी होगी। नये तरीके से होने वाले अपराधों को रोकने के लिये पुलिसकर्मियों को सतत् रूप से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। आप सब विधि को सर्वोपरि मानते हुए अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। इसी में समाज का हित निहित है। कोविड-19 के विश्वव्यापी संक्रमण के दौर में पुलिसकर्मियों ने जन सेवा की प्रतिबद्धता को प्रमाणिकता से पूरा किया है।
पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने कहा कि आज मध्यप्रदेश पुलिस स्थापना दिवस के रूप में हम हमारे गौरवशाली स्वर्णिम इतिहास की स्मृतियों को समारोह के रूप में मना रहे हैं। सर्वप्रथम 1854 में नागपुर क्षेत्र के प्रथमत: नियुक्त कमिश्नर श्री मानसेल ने पुलिस को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया को प्रारंभ किया था। समय के साथ हुए परिवर्तन स्वरूप एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश का गठन हुआ। जिसमें पुराने सी.पी.एण्ड बरार राज्य के 17 जिलों (महाकौशल), विंध्य प्रदेश, भोपाल राज्य, राजस्थान के कोटा जिले के सिरोंज अनुभाग तथा मध्यभारत को समाहित किया गया।
सी.पी.एण्ड बरार का सुसंगठित पुलिस प्रशासन और उसकी अनुशासित परम्परायें नये मध्यप्रदेश राज्य को धरोहर के रूप में मिलीं और मिलीं विलीन इकाईयों की अनेक समस्याएं भी। नये मध्यप्रदेश में विलीन सभी इकाईयों की पुलिस व्यवस्थाओ को मिलाकर एक समन्वित पुलिस ढाँचा तैयार करना उस समय की तात्कालिक आवश्यकता थी। समन्वित कार्यप्रणाली के विकास की इस दिशा में सर्वश्री बी.जी.घाटे, के.एफ.रूस्तमजी और बी.एम. शुकुल जैसे गौरवशाली अधिकारियों के अथक प्रयासों से मध्यप्रदेश पुलिस को नया स्वरूप प्रदान हुआ। एक नवंबर 1956 को नवगठित मध्यप्रदेश पुलिस बल में कुल 252 राजपत्रित अधिकारी और 39,765 अन्यकर्मी तथा 739 थाने स्थापित थे। तत्पश्चात एक नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ विभाजन के बाद मध्यप्रदेश अपने आज के वर्तमान स्वरूप में आया। प्रदेश में अभी 11 पुलिस महानिरीक्षक जोन, 15 उप पुलिस महानिरीक्षक रेंज, 52 जिला पुलिस अधीक्षक तथा तीन रेल्वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थापित है। प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 185 अनुभाग, 1160 थाने तथा 623 चौकियाँ संचालित हैं। वर्तमान में प्रदेश में जिला पुलिस बल तथा एसएएफ सहित एक लाख 26 हजार 440 बल स्वीकृत है। (एक जनवरी 2020)
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास में विगत 65 वर्ष का कार्यप्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है। आंतरिक सुरक्षा की हर चुनौती का सामना पुलिस ने पूरी दक्षता से किया है। हमने इन वर्षों में उन्नयन और बदली हुई परिस्थितियों में तकनीकी नवाचार को नए आयाम दिए हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन ने पुलिस को साधन-संपन्न, विनम्र, जनोन्मुखी तथा अधिक संवेदनशील बनाया है।
नए राज्य के निर्माण के समय चंबल तथा बुंदेलखंड क्षेत्रों की डकैती समस्या एक विकराल चुनौती थी जिसे राज्य पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने सहज रूप में स्वीकार किया और अपने खून पसीने से अपनी कर्तव्यनिष्ठा और बलिदानी परंपरा का नया इतिहास ही लिख डाला। कुख्यात दस्यु मानसिंह, रूपा, अमृतलाल,पुतली, भवानी सिंह आदि अनेक डकैत मारे गए। इसके फलस्वरूप जनजीवन को संकटमय बनाने वाले अनेकों दस्युओं ने पहले 1959 में आचार्य विनोबा भावे और 1972 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के समक्ष आत्मसर्मपण किया।
वर्तमान चुनौतियों में से एक नक्सल समस्या है। नक्सल विरोधी अभियान के तहत इसी वर्ष बालाघाट के लालपुर जंगल क्षेत्र में मंडला पुलिस तथा हॉकफोर्स ने संयुक्त ऑपरेशन में आठ-आठ लाख रूपए के दो इनामी नक्सली मार गिराए गए। गत् जुलाई माह में बालाघाट जिले के किरनापुर क्षेत्र में नक्सलियों को हथियार,विस्फोटक तथा अन्य सामग्री की खेप सहित पकड़कर पुलिस ने अंतर्राज्यीय नक्सल सप्लाई नेटवर्क को पकड़ने में सफलता प्राप्त की गई। आपराधिक एवं असामाजिक तत्वों पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस कटिबद्ध है। इसके लिए लगातार प्रदेशव्यापी विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही की गई है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामाजिक न्याय की सुनिश्चिता पुलिस का महत्वपूर्ण कार्य है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के 52 जिलों में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण थानें स्थापित हैं। महिला एवं बच्च्यिों के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम तथा त्वरित विवेचना के लिए प्रदेश सभी 52 जिलों में महिला थानों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में 700 महिला उर्जा डेस्क की स्थापना भी की गई हैं जहां महिलाएं बेझिझक अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। इसी वर्ष महिला जागरूकता अभियान ”सम्मान” संचालित किया गया। इसके माध्यम से महिला अपराधों के विरूद्ध व्यापक जनजागरण का कार्य किया गया।
इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक से लेकर निरीक्षक संवर्ग तक के 11 हजार 835 पुलिसकर्मियों को उच्च पद का प्रभार प्रदान कर फोर्स के मनोबल को बढ़ाया गया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के पुलिसकर्मियों के लिए ”मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना” के तहत 25 हजार आवास गृहों का निर्माण कराया जा रहा हैं। इनमें 11 हजार पांच सौ आवास पूर्णता की ओर हैं। हाल ही में 3800 आवास गृहों का लोकापर्ण माननीय गृहमंत्री जी द्वारा किया गया है।
प्रशिक्षण के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए महामारी काल में भी पुलिस प्रशिक्षण को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुचारू रखा। जहाँ 2020 में 8389 पुलिसकर्मियों का वहीं 2021 में विगत सात माह में सात हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (सी.सी.टी.एन.एस.) क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
अपराध नियंत्रण हेतु प्रदेश के 60 शहरों के दो हजार संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर 11500 सीसीटीवी कैमरा लगाए जा चुके हैं। जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण नगरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम जारी है। माननीय गृहमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में एफआईआर-आपके द्वार का पायलेट प्रोजेक्ट तथा ई-एफआईआर की सेवा जनता को उपलब्ध कराई गई है तथा ई-विवेचना एप का ट्रायल रन प्रारंभ हो चुका है।
वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में सायबर क्राईम एक चुनौती के रूप में उभरे हैं। इन अपराधों की जटिलता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को इनकी रोकथाम एवं विवेचना में दक्ष बनाने के लिए 2019 से सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एवं इंटेलीजेंस समिट का आयोजन प्रारंभ किया गया। तीसरी दस दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सायबर क्राइम इंन्वेस्टिगेशन एवं इंटेलीजेंस समिट 2021 का समापन एक अक्टूबर को हुआ। इसमें विश्वस्तरीय सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों तथा सायबर एक्सपर्टस से प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को ज्ञान, तकनीक तथा विवेचना बिंदु साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रदेश की जनता को उत्कृष्ट पुलिस सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि प्रदेश के दो महानगरों भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली इस वर्ष लागू हो गई है। मैं पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस बल की तरफ से वचनबद्ध हूँ कि माननीय मुख्यमंत्री जी एवं शासन की मंशानुरूप पुलिस आयुक्त प्रणाली देशभक्ति-जनसेवा का उत्कृष्ट प्रतिमान स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 17 दिसंबर को पुलिस स्थापना दिवस मनाया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण के साथ-साथ सामाजिक प्रतिबद्धता से निरंतर अपने कार्यों को न्यायपूर्ण तटस्थता, पारदर्शिता और पराक्रम से अंजाम देती रहेगी। एक बार पुन: सभी को इस गौरवशाली दिवस पर हार्दिक बधाई। समर्पित सेवाओं के नित नवीन कीर्तिमान स्थापित करते रहें यही शुभकामनाएं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा और पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। श्री चौहान ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री विनोद कुमार मीणा ने किया। परेड के टू-आई-सी उप पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य तिवारी रहे। इस दौरान मध्यप्रदेश पुलिस गीत का लोकापर्ण भी किया। परेड में हॉकफोर्स, विशेष सशस्त्र बल इंदौर रेंज, विशेष सशस्त्र बल ग्वालियर रेंज, महिला प्लाटून विशेष सशस्त्र बल एवं जिला बल की संयुक्त टुकड़ी, विशेष सशस्त्र बल भोपाल की पुरूष प्लाटून, विशेष सशस्त्र बल जबलपुर की पुरूष प्लाटून, एस.टी.एफ., जिला पुलिस बल एवं जी.आर.पी. की संयुक्त टुकड़ी, पुलिस बैंड प्लाटून, श्वान दल और अश्वारोही दल की टुकड़ियाँ शामिल थी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 पर घोषित वीरता पदक, 15 अगस्त 2020 एवं 26 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक तथा सराहनीय सेवा पदक, जीवन रक्षा पदक तथा 32 बोर पिस्टल प्राप्तकर्ता अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया।
इन्हें किया गया सम्मानित
पुलिस अधीक्षक सतना श्री धर्मवीर सिंह और पुलिस अधीक्षक उप परिवहन आयुक्त ग्वालियर श्री अरविंद सक्सैना को राष्ट्रपति का वीरता पदक से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) श्रीमती अनुराधा शंकर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, उप पुलिस अधीक्षक इंदौर श्री संतोष कुमार उपाध्याय, सेवा निवृत्त निरीक्षक (एम) कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन पुलिस मुख्यालय श्री भरत कुमार भावसर, सेवा निवृत्त निरीक्षक (एम) कार्यालय पुमनि ग्वालियर श्री राकेश मोहन दीक्षित, निरीक्षक वरिष्ठ ग्रंथालय (लाइब्रेरीयन) पुलिस मुख्यालय भोपाल डॉ. फरीद वज़मी, निरीक्षक(एम) प्रशासन पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री नरेन्द्र कुमार गंगराड़े, निरीक्षक विशेष शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री अजय तुर्के को राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पदक
उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री आर.आर.एस परिहार, पुलिस अधीक्षक विदिशा श्रीमती मोनिका शुक्ला, सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक रेडियो ट्रेनिंग स्कूल इंदौर श्री संतोष कोरी, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर श्री सब्यसाची सराफ, पुलिस अधीक्षक सायबर सेल इंदौर श्री जितेन्द्र सिंह, जोनल पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा भोपाल श्री अमित सक्सैना, पुलिस अधीक्षक पीटीएस उमरिया डॉ. लक्ष्मी कुशवाह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीटीएस उज्जैन श्री जगदीश सिंह डावर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारकोटिक्स इंदौर श्री दिलीप कुमार सोनी, सेवानिवृत्त उप सेनानी 23 वी वाहिनी भोपाल श्री शानू अफताब अली, उप पुलिस अधीक्षक ट्राफिक उज्जैन श्री सुरेन्द्रपाल सिंह राठौर, निरीक्षक (एफ.पी.) पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री दीपक कदम, निरीक्षक एम कार्यालय पुमनि होशंगाबाद श्री राम राज गुप्ता, निरीक्षक (एम) ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल श्री राजीव चौधरी,निरीक्षक रेडियो इंदौर श्रीमती संगीता जोशी, निरीक्षक(एम) ई.ओ.डब्ल्यू मुख्यालय भोपाल श्री सुधीर कुमार श्रीवास, सूबेदार (एम) पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री सुनील कुमार तिवारी, सूबेदार (एम) पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री बलराम सिंह राजपूत, उप निरीक्षक (एम) ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल श्री अनिल कुमार निगम, सेवानिवृत्त उप निरीक्षक आरएपीटीसी इंदौर श्री राजेन्द्र प्रसाद लोट, उप निरीक्षक(रेडियो) पीआरटीएस इंदौर श्री प्रकाश सूर्यवंशी, सहायक उप निरीक्षक (एमटी) भोपाल श्री संतोष कुमार पटेल, सेवानिवृत्त प्रधान आरक्षक 7 वी वाहिनी भोपाल श्री सीताराम तिवारी, प्रधान आरक्षक थाना पाबई पन्ना स्व.श्री प्यारे गर्ग, प्रधान आरक्षक पी.एस. क्राइम ब्रांच भोपाल श्री रामकुमार गौतम, सेवानिवृत्त प्रधान आरक्षक 23वी वाहिनी एसएएफ भोपाल श्री जगत सिंह यादव, सेवानिवृत्त प्रधान आरक्षक 17वीं वाहिनी एसएएफ भिंड श्री विश्वनाथ सिंह यादव, आरक्षक 7 वीं वाहिनी भोपाल श्री मंगल सिंह यादव, आरक्षक 25 वी वाहिनी भोपाल श्री राजेश कुमार पांण्डे, आरक्षक प्रशासन शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल श्री रवि नरेश मिश्रा को दिया गया।
जीवन रक्षा पदक
निरीक्षक थाना कोतवाली रायसेन श्री जगदीश सिंह सिद्ध, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक थाना खुरई सागर श्री गौरी शंकर व्यास, आरक्षक थाना बरेली रायसेन श्री राजेश कुमार राजपूत, आरक्षक डीआरपी लाईन रायसेन श्री पुष्पेन्द्र सिंह रावत।
32 बोर पिस्टल
सेवानिवृत्त विशेष पुलिस महानिदेशक स्व. श्री संजीव कुमार सिंह को दिया गया। यह पुरस्कार उनकी पत्नी श्रीमती ज्योति सिंह द्वारा गृहण किया गया।
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