मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 का निर्वाचन आयोग से ऐलान बाकी है लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुट गई हैं। कर्नाटक की तर्ज पर यह चुनाव भी वोटों के ध्रुवीकरण की ओर ले जाया जाता नजर आ रहा है। इस बार भाजपा ही नहीं कांग्रेस भी इसकी कोशिश में लगी है और उसके चुनाव प्रचार कैम्पेन में इसकी साफ झलक दिखाई देने लगी है। आईए पढ़िये इस पर एक विशेष रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी पांच से छह महीने का समय है लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अपनी तरफ से जोर-शोर के साथ चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के वादे को भाजपा ने बजरंग वली के अपमान से जोड़कर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की थी, वह मध्य प्रदेश में अभी से दिखाई देने लगा है। कर्नाटक में चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में यह होने से भाजपा इसके फायदे-नुकसान का अनुमान नहीं लगा पाई और सत्ता से उसे बेदखल होना पड़ा।
लव जिहाद का सहारा….
मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर बनी द केरला स्टोरी और एचयूटी आतंकियों के हिंदू लड़िकयों को मुस्लिम बनाने के इरादों की इन दिनों जमकर सुर्खियां बन रही हैं। लव जिहाद की देश में होने वाली घटनाओं पर मध्य प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी दिखाई दे रही है। इसी तरह हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी चर्चा में हैं। चुनाव के पहले इन मुद्दों से जनभावनाएं प्रभावित हो रही हैं और चुनाव में इसका राजनीतिक दलों को फायदा या नुकसान होने की पूरी संभावना है।
कांग्रेस भी रामजी व हनुमानजी के सहारे
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में भाजपा को इस बार के चुनाव में रामजी-हनुमानजी का सहारा लेने में पीछे छोड़ दिया है। अब तक कांग्रेस के चुनाव प्रचार कैम्पेन में रामचंद्रजी और हनुमानजी की कई वीडियो क्लिप्स जारी की जा चुकी हैं। महाकाल लोक में सप्त ऋषि की प्रतिमाओं के गिरने के बाद भी हनुमानजी के समुद्र पार करते हुए उनके मुख से शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार की वीडियो क्लिप्स भी सोशल मीडिया पर जारी की गई है।
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