मध्य प्रदेश में नेताओं के बिगड़े बोलों में प्रशासन टारगेट पर, विपक्ष-सत्ता पक्ष दोनों का निशाना

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को आठ-दस महीने बचे हैं तो अब नेताओं के टारगेट पर प्रशासनिक अमला आता जा रहा है। इसमें विपक्ष दल कांग्रेस के नेता तो ठीक है, सत्ता पक्ष के नेता भी प्रशासन को टारगेट बनाकर जनता की हमदर्दी बटोरना चाह रहे हैं। प्रशासनिक अमले को काम में अड़ंगा बताकर विलेन करार दिया जाता है। हाल ही में जबलपुर, विदिशा में ऐसे दो नेताओं के वीडियो वायरल हुए हैं और कुछ समय पहले दमोह का एक वीडियो वायरल हुआ था। प्रशासनिक अमले पर नेताओं के प्रहारों के कुछ उदाहरण के साथ पेश है एक रिपोर्ट।

सरकारें तो पांच साल के लिए आती-जाती हैं लेकिन हरेक सरकार की योजनाओं को पूरा करने वाले प्रशासनिक तंत्र पर कुछ सालों से राजनीतिक दबाव के ज्यादा उदाहरण सामने आए हैं। सत्ता पक्ष जहां प्रशासनिक अमले को भ्रष्ट और नाकारा साबित करने पर तूल गया है तो विपक्ष उसे सत्ताधारी दल के हाथों की कठपुतली बताकर कोसने लगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों मंच से अधिकारियों-कर्मचारियों को दंडित कर रहे हैं। हालांकि यह काम वे चौथी बार सीएम बनने के बाद कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बाद से क्षेत्र के दौरों में करने लगे थे लेकिन इस समय वे ज्यादा मैदानी दौरे कर रहे हैं। भाजपा के विदिशा जिले के विधायक उमाकांत शर्मा ने हाल ही में एक सभा में जनसमुदाय को यह कह दिया था कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी काम नहीं कर रहा है या मांग करता है तो पहले वे उसकी जूतों से पिटाई करें, फिर उनके पास लाएं।
विपक्षी दल कांग्रेस के नेता भी कम नहीं
सत्ताधारी भाजपा के नेताओं से दो कदम आगे हैं कांग्रेस नेता। विपक्षी नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तो कई बार अफसरों को समय का उल्लेख कर चेतावनी दे चुके हैं। उनके साथी नेता भी इसी तरह मीडिया और प्रशासनिक अमले को टारगेट किए हुए हैं। जबलपुर से विधायक संजय यादव ने कांग्रेस नेताओं के बीच यह कहा कि बहुत हो गया। अब आवेदन-निवेदन करने का वक्त निकल गया है। अब दनादन का समय है। इसके एक दिन पहले सिवनी जिले के कांग्रेस के ही एक विधायक अर्जुन काकोड़िया ने सीएम चौहान को चुनौती दे दी कि मर्द के बच्चे हैं तो कलेक्टर, एसपी और सीसीएफ को हटाकर बताएं। उन्होंने मुख्यमंत्री के एक्शन को नौटंकी बताया और कहा कि वे इसे बंद करें।

बसपा नेता रामबाई कलेक्टर को नालायक तक कह चुकी

गौरतलब है कि इसी तरह प्रशासनिक अमले पर बसपा की विधायक रामबाई भी कई बार आरोप लगा चुकी हैं। कुछ समय पहले तो उन्होंने कलेक्टर को उनके कार्यालय में ही लोगों के सामने गलियारे में जमकर फटकारा था और उन्हें कलेक्टरी करने के लायक नहीं बताया था।

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